Hardoi News: हरदोई जिले के बेनीगंज कोतवाली क्षेत्र के हांस बरौली गांव में जश्न का माहौल था. हर कोई केवड़े वाली खुशबू के साथ शेरवानी और मलमल का कुर्ता पहने, गिलौरी वाला पान मुंह में दबाए इधर से उधर टहल रहा था. लगभग पूरा गांव लखीमपुर से आ रही बारात के जश्न में मशगूल था. उधर, बड़ी-बड़ी हांड़ियों पर मुगलिया बादाम बिरयानी, कबाब कोरमा और सूखे मेवे बारात के स्वागत की राह तक रहे थे.
तभी अचानक जानकारी मिली कि बारात गांव के बाहर दस्तक दे चुकी है. बारात इस्तकबाल की पूरी तैयारियां पहले से ही थीं. बारातियों का स्वागत करते हुए उनके खाने-पीने की व्यवस्था से पहले नाश्ता कराया गया. आवा भगत और स्वागत के बाद बातों ही बातों में मेहर को लेकर चर्चा होने लगी.
जेवरों में कमी के चलते दुल्हन ने किया निकाह से इनकार
बारात के खैर मकदम के बाद निकाह की रस्में शुरू हुईं. दूल्हे के पिता बबलू ने लड़की के लिए लाए गए जेवरातों को दुल्हन पक्ष को सुपुर्द कर दिया. थोड़ी ही देर के बाद में दुल्हन पक्ष की तरफ से औरतों की कानाफूसी तेज होने लगी, जिसमें जेवरातों में गले का हार यानी नेकलेस कम होना बताया जा रहा था. धीरे-धीरे यह बात दुल्हन को पता चल गई.
उपहार में नेकलेस कम होने के चलते दुल्हन ने स्पष्ट शब्दों में निकाह से इनकार कर दिया. यह सुन लखीमपुर खीरी से हांस बरौली गांव पहुंची बारात के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई. कुछ लोग नाश्ता अधूरा छोड़कर एक जगह झुंड बनाकर जमा गए. पहले तो बारात में ही मान-मनौव्वल का प्रयास चलता रहा, लेकिन धीरे-धीरे पूरा दिन गुजरते-गुजरते मामला थाने तक पहुंच गया.
दुल्हन लिए बैरंग लौटी बारात
थाने पर पंचायत जुटी, लेकिन लड़की निकाह करने को राजी नहीं हुई और इस वजह से बिना दूल्हन लिए बारात को बैरंग वापस लौटना पड़ा. अपर पुलिस अधीक्षक दुर्गेश सिंह ने बताया कि लड़की पक्ष की रजामंदी न होने के चलते बारात बैरंग वापस चली गई. किसी भी प्रकार का वाद किसी भी तरफ से दर्ज नहीं कराया गया है. माहौल न बिगड़े, इसलिए पुलिस ने मामले में हस्तक्षेप किया था. गांव में माहौल बिल्कुल शांत है.