New Delhi: लेह को चीन का हिस्सा दिखाया, उपराष्ट्रपति का ब्लू टिक उड़ाया, कभी ब्राह्मणवादी पितृसत्ता को नष्ट करो वाला पोस्टर लहराया, विवाद और जैक दोनों साथ-साथ चलते हैं

New Delhi: लेह को चीन का हिस्सा दिखाया, उपराष्ट्रपति का ब्लू टिक उड़ाया, कभी ब्राह्मणवादी पितृसत्ता को नष्ट करो वाला पोस्टर लहराया, विवाद और जैक दोनों साथ-साथ चलते हैं

संविधान का आर्टिकल 19 ए आपको अभिव्यक्ति की पूरी आजादी देता है कि जो बोलना है बोलिए, जो लिखना है लिखिए, लेकिन इसमें गालियों, साजिशों या किसी समाज व देश को तोड़ने की साजिश शामिल नहीं है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर के को फाउंडर और पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने कहा है कि कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन के दौरान उन पर भारत सरकार की ओर से कई सरकार विरोधी ट्विटर अकाउंट को ब्लॉक करने का दबाव डाला गया था। डोर्सी ने कहा कि उन्हें लगा कि अगर सरकार का कहना नहीं माना तो ट्विटर पर एक्शन होगा, छापे पड़ेंगे। उसे भारत में बंद कर दिया जाएगा। डोर्सी के इंटरव्यू के बाद विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हम तो पहले से ही कह रहे हैं कि मोदी सरकार अपने खिलाफ हर आवाज को दबा देती है। इस आरोप पर सरकार के आईटी मंत्री से लेकर पूर्व कानून मंत्री सभी ने जवाब दिए और कहा कि ट्विटर भारत के कानून से ऊपर नहीं है। फर्जी पोस्ट से अफवाहों को रोकने के लिए नहीं कहते तो क्या हालात बिगड़ने देते और अराजकता फैलने देते। सच क्या है तथ्य क्या है आज यही जानेंगे।

जैक डोर्सी ने कई सारे आरोप लगाए 

12 जून को ब्रेकिंग प्वाइंट्स नाम के चैनल को दिए एक इंटरव्यू में जैक डोर्सी ने कई सारे आरोप लगाए हैं। इंटरव्यू में उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें ट्विटर में रहते हुए कभी अन्य देशों की सरकारों का दबाव झेलना पडा था। जब एक ताकतवर इंसान उनसे कुछ कहता है तो वे इससे कैसे डील करते हैं। इस पर जैक डोर्सी ने कहा कि उदाहरण के लिए भारत को ले लीजिए। भारत सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान हमें (ट्विटर अकाउंड ब्लॉक करने की) बहुत सारी रिक्वेस्ट भेजी थी। ये उन पत्रकारों को लेकर थी जो किसान आंदोलन के दौरान सरकार की आलोचना कर रहे थे। हमें कहा गया कि भारत में ट्विटर बंद कर दिया जाएगा। जो हमारे लिए बहुत बड़ा मार्केट है। कहा गया कि आपके कर्मचारियों के घरों में रेड करेंगे, जो उन्होंने किया भी। देखिए ये भारत है जो एक लोकतांत्रिक देश है। भारत के बाद उन्होंने तुर्किए कि मिसाल दी। डोर्सी के मुताबिक जहां कि स्थिति भारत जैसी ही है। वहां से भी उन्हें बहुत सारी रिक्वेस्ट भेजी गई थी। 

विपक्ष के सवाल

डोर्सी के आरोप लगाते ही विपक्ष ने इसे लपक लिया। केजरीवाल ने कहा कि अगर ऐसा हुआ है तो बहुत गलत है। कपिल सिबब्ल ने कहा कि जैक डोर्सी झूठ क्यों बोलेंगे। संजय राउत ने कहा कि पर्दे के पीछे लोकतंत्र की हत्या हो रही है। कांग्रेस ने कहा कि हर उस आवाज का दमन हो रहा है जो सरकार के खिलाफ उठ रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट किया कि भाजपा-आरएसएस के राजनीतिक वंशज, जिनके पूर्वज स्वतंत्रता के आंदोलन में हिन्दुस्तानियों के ख़िलाफ़ खडे़ होकर अंग्रेजों के पक्ष में लड़े, वो ट्विटर के पूर्व सीईओ के बयान पर राष्ट्रवाद का ढोंग न रचें !

भारत सरकार के जवाब

विपक्ष ने आरोप लगाए तो सरकार ने विपक्ष को कुछ नहीं कहा बल्कि उनका निशाना बने जैक डोर्सी।  सरकार ने इस आरोप को सफेद झूठ बताकर खारिज कर दिया है। सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने अपने ट्वीट में कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा और पारदर्शी लोकतंत्र है। भारत में जब भी चुनाव नज़दीक होते हैं तो कुछ विदेशी ताक़तें और यहाँ उनके एजेंट एक योजनाबद्ध तरीक़े से देश को अस्थिर व बदनाम करने के लिए सक्रिय होते हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री चंद्रशेखर ने डोर्सी के दावों को खारिज करते हुए ट्वीट किया कि डोर्सी के समय ट्विटर प्रशासन को भारतीय कानून की संप्रभुता को स्वीकार करने में दिक्कत होती थी। चंद्रशेखर ने ट्विटर के पूर्व सीईओ पर ही आरोप लगा दिए कि माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ने 2020 से 2022 के बीच कई बार नियम तोड़े। उन्होंने कहा कि कोई जेल नहीं गया और ना ही ट्विटर बंद किया गया। यह जैक का साफ झूठ है जो शायद ट्विटर के इतिहास के उस, बहुत संदिग्ध समय के दागों को मिटाने की कोशिश है।

लेफ्ट माइंडेड ट्विटर?

ट्विटर जितना पॉपुलर है उतना ही बड़ा उसके विवादों का नेटवर्क भी है। कई बार ये आरोप लगे हैं कि ट्विटर खुद को दुनिया की हर डेमोक्रेसी से बड़ा समझने लगता है। वो अपना एजेंडा चलाता है। उसे लगता है कि वो किसी भी सरकार को बना सकता है, बिगाड़ा सकता है। उसे लगता है कि उसकी आजादी अनलिमिटेड है। वो हर कंट्रोल से ऊपर है। भारत ही नहीं अमेरिका भी इसका पीड़ित रहा है। हमारे कानून मंत्री से लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति तक उसके शिकार बने हैं। इसके साथ ही ये भी याद दिला देते हैं कि जैक डोर्सी ने पांच साल पहले एक इंटर्व्यू में कहा था कि ट्विटर में काम करने वाले ज्यादा लोग लेफ्ट माइंडेड यानी वामपंथी विचारधारा वाले लिबरल हैं। हालांकि उन्होंने ये भी जोड़ा था कि काम के वक्त वे लोग अपनी आइडियोलाजी घर रख कर आते हैं। 

अब जरा जैक जोर्सी के बारे में जान लीजिए

ट्विटर से दुनिया का परिचय 2006 की अरब क्रांति के दौरान हुआ था। वेब डेपलपर जैक डोर्सी और उनके दोस्त व odeo के को फाउंडर नोवा ग्लास ने इसे शुरुआत में twttr का नाम दिया बाद में ये बदलकर twitter हो गया। दो साल बाद ही डोर्सी को सीईओ के पद से डोर्सी को हटा दिया गया था। 2015 में दोबारा उन्होंने टि्विटर में दोबारा वापसी की और पराग अग्रवाल के टेक ओवर करने तक इस पद पर बने रहे। ट्विटर का को-फाउंडर और सीईओ होने के अलावा वो एक अनुभवी आंत्रप्नोयर भी हैं। डोर्सी ने 2011 में पेमेंट प्लेटफॉर्म स्कवायर और 2019 में ब्लॉक इंक डेवलप किया। जैक ने कुछ महीने पहले एक और सोशल मीडिया एप ब्लू स्काई भी लॉन्च किया है। 

विवाद और जैक दोनों साथ-साथ चलते हैं

ये तो हो गया जैक डोर्सी का मोटा माटी परिचय। लेकिन बिना विवादों की चर्चा किए ये परिचय पूरा नहीं होता है। कहा जाता है कि विवाद और जैक दोनों साथ-साथ चलते हैं। इसी साल मार्च में अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने जैक डोर्सी पर गंभीर आरोप लगाए थे। जैक की कपंनी ब्लॉक इंक पर फ्रॉड, खाते में हेरफेर और सरकार से मिली राहत का गलत इस्तेमाल करने के आरोप लगे। 2 साल पहले साल 2021 में जून के महीने में ट्विटर ने अपने लाइव ब्रॉडकास्ट के दौरान लेह को चीन का हिस्सा दिखा दिया था। इसकी खबर लगते ही भारत सरकार ने ट्विटर को चेतावनी जारी की और कहा था कि मैप को इस तरह से दिखाना गैर कानूनी है। तब ट्विटर के मालिक जैक ही थे। 

ब्राह्मणवादी पितृसत्ता को नष्ट करो वाला प्लेकार्ड

जैक डोर्सी साल 2018 में भारत आए थे। उन्होंने यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शाहरुख खान से मुलाकात की थी। इसके बाद सामने आई एक तस्वीर ने बवाल मचा दिया था। इस तस्वीर में लिखा था कि ब्राह्मणवादी पितृसत्ता को नष्ट करो। मार्च 2023 में पत्रतकार मैट टाइबे ने खुलासा किया था कि करीब 40 हजार ऐसे ट्विटर अकाउंट को बंद करने को कहा गया था जो हिंदू राष्ट्रीयता वाले थे। कहा गया था कि सभी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता थे। ट्विटर ने 5 जून 2021 को बिना कुछ बताए तत्कालीन उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू समेत कई नेताओं के निजी हैंडल्स को अनवेरिफाई करते हुए उनके ब्लू टिक्स को हटा दिया था। 

ग्रेटा थनबर्ग का टूलकिट

किसान आंदोलन के वक्त ट्विटर से ही टूलकिट पोस्ट किए गए थे। पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने अपने ट्विटर हैंडल से ये टूलकिट शेयर किए गए थे। टूल किट में 26 जनवरी को दंगों की पूरी डिटेल दी गई थी। भारत सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की कार्ययोजना साझा की गई थी और पांच चरणों में दबाव बनाने की बात कही गई। लेकिन ग्रेटा ने बिना पढ़े उसे ट्विटर पर शेयर कर दिया और फिर बाद में डिलिट कर दिया।

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