राजस्थान के अजमेर जिले में एक होटल में कर्मचारियों को कथित रूप से पीटने के मामले में विभागीय जांच लंबित रहने तक भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस)के एक-एक अधिकारी सहित पांच लोगों को मंगलवार को निलंबित कर दिया गया। एक सरकारी आदेश के अनुसार निलंबित किये गये अधिकारियों में अजमेर विकास प्राधिकरण के आयुक्त गिरिधर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) सुशील कुमार, पटवारी नरेंद्र सिंह दहिया, कांस्टेबल मुकेश कुमार व एलडीसी हनुमान प्रसाद चौधरी शामिल हैं। मामले की जांच अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक -सतर्कता (एडीजी- सतर्कता) को सौंपी गई है। सोशल मीडिया पर मंगलवार को एक होटल के कर्मचारियों को पीटने का वीडियो वायरल हुआ था।
यह घटना 11 जून की रात की बताई जा रही है जिसके बाद मामले की जांच एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को सौंपी गई। होटल प्रबंधन ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि एक आईपीएस अधिकारी ने तीन-चार पुलिसकर्मियों के साथ सोमवार देर रात होटल कर्मियों से मारपीट की। गेगल थाने के एक अधिकारी ने बताया कि पांच अज्ञात लोगों के खिलाफ होटलकर्मियों से मारपीट का मामला दर्ज किया गया है। राजस्थान के पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा ने बताया, ‘‘हमने मामले की जांच अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सतर्कता) को सौंप दी है।’’ वायरल वीडियो में कुछ पुलिसकर्मी होटल कर्मियों से मारपीट करते नजर आ रहे हैं। इसके बाद होटल प्रबंधन ने एक आईपीएस अधिकारी और कुछ पुलिसकर्मियों पर मारपीट का आरोप लगाया।
होटलकर्मियों के साथ मारपीट के मामले में पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर राजपूत समाज ने मंगलवार को आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ से मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन दिया। वहीं, सुशील कुमार ने होटल कर्मियों से मारपीट में संलिप्त होने के आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि मारपीट की सूचना मिलने पर पुलिस दल के साथ वह मौके पर गए थे और समझा-बुझाकर मामला शांत करवाया था। इस बीच, अजमेर के पुलिस अधीक्षक चूनाराम जाट ने गेगल थाने के एक सहायक पुलिस उपनिरीक्षक (एएसआई) और दो कांस्टेबल को पुलिस लाइन भेजने का आदेश दिया है। तीनों कर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं।