बिहार मे नीतीश सरकार से जीतन राम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन के इस्तीफे के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। बेटे के इस्तीफे के बाद पहली बार जीतन राम मांक्षी ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा कि मुझे किसी से व्यक्तिगत परेशानी नहीं है लेकिन जनहित के साथ समझौता नहीं होगा। मांझी ने कहा कि हमने अपनी समस्याओं को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष रहा लेकिन उन्होंने कहा कि पार्टी में आ जाएं या फिर बाहर चले जाएं। मांझी के बेटे का इस्तीफा नीतीश कुमार के लिए विपक्षी एकता की बैठक से पहले बड़ी झटका माना जा रहा है।
जनहित के साथ समझौता नहीं होगा
जीतन राम मांझी ने कहा कि हमारी कुछ मांगे थी, हम लगातार अपनी मांग रखते रहे। किसानों को बिजली मुफ्त में देने की बात थी। इसके अलावा शेड्यूल कास्ट की बात थी। लेकिन हमारी बात नहीं मानी गई। उन्होंने कहा कि हम कुछ बातों को इंप्लीमेंट कराना चाहते थे जिससे कि बिहार का भविष्य बदल सकता था। लेकिन उसे नहीं माना गया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि बिहार में बालू नीति और शराब नीति की वजह से बिहार के वित्त को पूरी तरीके से चौपट कर दिया गया है और गरीब तबके के लोग इससे काफी प्रभावित हुए हैं। हमने इसे विभिन्न मंचों पर उठाया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। लोग हम ही से सवाल करते थे कि आप क्यों वहां पर मौजूद है। इसी कारण है कि हमने अलग होने का फैसला लिया है।
व्यक्तिगत परेशानी नहीं है
इतना ही नहीं उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हमने देखा, परखा तब जाकर यह निर्णय लिया है। उन्होंने अपने निर्णय को लेकर कहा कि हमने नेशनल काउंसिल की बैठक के बाद यह सब निर्णय लिया है। विधायकों ने खुद नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। लेकिन तब नीतीश कुमार ने साफ तौर पर कह दिया था कि या तो आप पार्टी में आ जाइए या बाहर चले जाइए। उन्होंने कहा कि चाहे ललन सिंह हो, तेजस्वी यादव हो या नीतीश कुमार हो मुझे किसी से व्यक्तिगत परेशानी नहीं है लेकिन जनहित के साथ समझौता नहीं होगा।
संतोष सुमन का इस्तीफा
बिहार सरकार के मंत्री संतोष सुमन ने अपनी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दल जद (यू) में विलय के लिए ‘‘दबाव’’ बनाए जाने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को अचानक कैबिनेट से त्यागपत्र दे दिया। सुमन हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उनके पास पास अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग था। सुमन के पिता एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके जीतन राम मांझी ने हम पार्टी की स्थापना की थी। सुमन ने कहा, “मैंने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को भेज दिया है और अपनी बात रखने के लिए व्यक्तिगत रूप से विजय कुमार चौधरी (जदयू के वरिष्ठ नेता एवं मंत्री)से मिला हूं। मुझे उम्मीद है कि मेरा इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाएगा।