नई दिल्ली: टीम इंडिया को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों 209 रन से हार का सामना करना पड़ा. इस बात को 2 दिन बीत चुके हैं. लेकिन, न तो फैंस और न ही भारतीय दिग्गज इस हार को भुला पा रहे हैं. इस हार पर लगातार बहस हो रही है. कई सवाल हैं जो चर्चा का विषय बने हुए हैं. मसलन, क्या भारत को पहले बैटिंग करनी चाहिए थी? क्या रोहित-राहुल पिच और कंडीशंस को समझने में चूके? इसके अलावा एक और सवाल है, जिसपर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही, वो ये कि क्या भारत ने रविचंद्रन अश्विन को WTC Final में न खिलाकर बड़ी गलती की? सुनील गावस्कर से लेकर रवि शास्त्री जैसे कई दिग्गज टीम इंडिया की इस रणनीति पर सवाल उठा चुके हैं.
सुनील गावस्कर ने एक बार फिर अंग्रेजी अखबार मिड-डे में लिखे अपने कॉलम में अश्विन को बाहर रखने के फैसले पर मौजूदा कप्तान रोहित शर्मा, कोच राहुल द्रविड़ के अलावा पूर्व कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री तक को लपेट लिया.
अश्विन को न खिलाना समझ से परे: गावस्कर
गावस्कर ने लिखा, “भारत ने आईसीसी की टेस्ट रैंकिंग में नंबर-1 गेंदबाज आर अश्विन को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की प्लेइंग-XI से ड्रॉप कर दिया. ऑस्ट्रेलियाई टीम में 5 बाएं हाथ के बैटर्स थे और जबकि एक बाएं हाथ के खिलाड़ी- ट्रेविस हेड- ने पहली पारी में शतक बनाया था, दूसरे बाएं हाथ के बल्लेबाज एलेक्स कैरी ने पहली पारी में 48 और दूसरी में नाबाद 66 रन ठोके. इस दौरान कैरी ने अन्य बाएं हाथ के बैटर मिचेल स्टार्क के साथ 93 रन की अहम साझेदारी भी की, वो भी तब जब भारत ऑस्ट्रेलिया को दूसरी पारी में जल्दी आउट करने की कोशिश कर रहा था.
‘अश्विन जैसा बर्ताव किसी के साथ नहीं हुआ’
उन्होंने आगे लिखा, “अगर अश्विन टीम में होते, तो कौन जानता है कि क्या हो सकता था. बल्ले से भी वो योगदान दे सकते थे. आधुनिक युग में किसी भी अन्य टॉप क्लास भारतीय क्रिकेटर के साथ अश्विन की तरह सलूक नहीं किया गया है. आप बताइए अगर आईसीसी रैंकिंग में नंबर-1 बैटर अगर टीम में होता और उसे सिर्फ इसलिए बाहर कर दिया जाता कि उसने पहले ग्रीन टॉप विकेट या स्पिनर्स की मददगार विकेट पर रन नहीं बनाए हैं? पक्के तौर पर कह सकता हूं,ऐसा नहीं होता.”
बार-बार इंग्लैंड में अश्विन होते हैं ड्रॉप
ये छठा मौका था, जब इंग्लैंड में टेस्ट मैच के दौरान अश्विन को प्लेइंग-XI में नहीं रखा गया. इससे पहले, 2021 में भारत के इंग्लैंड दौरे पर भी उन्हें पांचों टेस्ट में नहीं मौका मिला था.
अश्विन को गेंदबाजी में भी देरी से लाया जाता है
गावस्कर ने आगे कहा, “अश्विन के मामले में दुनिया का नंबर-1 गेंदबाज होने के बावजूद वो हमेशे पहले स्पिनर नहीं होते हैं, जिन्हें बॉलिंग में लाया जाता है. इसके कारण हो सकते हैं कि अभी क्रीज पर दाएं हाथ के बैटर्स हैं और हवा विपरीत दिशा में बह रही है और तेज गेंदबाजों के फुटमार्क बाएं हाथ के स्पिनर के लिहाज से ज्यादा मुफीद हैं. इससे तो यही लगता है कि जैसे अश्विन ने अपने करियर में सिर्फ बाएं हाथ के बैटर्स को ही आउट किया है.”