उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है. मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार इस तीन मंजिला मंदिर के ग्राउंड फ्लोर का काम अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है. मंदिर निर्माण से जुड़े अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि इस साल अक्टूबर तक इसको पूरा करने के लिए सहायक संरचनाओं का काम तेजी से किया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक राम मंदिर के ग्राउंड फ्लोर के काम की समीक्षा निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा सहित ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्यों ने की थी. इस समीक्षा के दौरान लार्सन एंड टुब्रो और टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स की इंजीनियरिंग टीम भी मौजूद थी.
अंतिम चरण में ग्राउंड फ्लोर के निर्माण का काम
दरअसल मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के ग्राउंड फ्लोर के निर्माण का काम अंतिम चरण में चल रहा है. इस काम को अक्टूबर महीने तक पूरा करने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण का काम भी तेजी से चल रहा है. मंदिर निर्माण से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक रोजाना निर्माण कार्य की प्रगति की निगरानी की जाती है और इससे जुड़े मुद्दों का तत्काल निराकरण किया जाता है.
राम मंदिर की लंबाई 380 और चौड़ाई 250 फुट
बता दें कि रामलला के गर्भगृह के अलावा, इस मंदिर में पांच मंडप- गुड मंडप, रंग मंडप, नृत्य मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप बनेंगे. इन पांच मंडपों के गुंबद का आकार 34 फुट चौड़ा और 32 फुट लंबा होगी. वहीं आंगन से इसकी ऊंचाई 69 फुट से 111 फुट तक बताई जा रही है. वहीं राम मंदिर की लंबाई 380 फुट, चौड़ाई 250 फुट रहेगी. वहीं प्रांगण से यह मंदिर 161 फुट ऊंचा होगा.
सोने से डिजाइन होगा गर्भगृह का दरवाजा
मंदिर के लोड फैक्टर और अन्य जलवायु चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए इसके 392 स्तंभ हैं, जिन्हें संरचनात्मक रूप से प्रदान किया गया है. बयान में कहा गया है कि गर्भगृह के दरवाजे को सोने से डिजाइन किया जाएगा. वहीं निर्माण समिति ने कहा कि दीर्घायु और स्थायित्व प्रदान करने के लिए मंदिर के लिए चुनिंदा सामग्री का प्रयोग किया गया है.
2019 में सुप्रीम कोर्ट ने दिया था फैसला
वहीं ‘परकोटे’ सहित मंदिर का कुल क्षेत्रफल 8.64 एकड़ है. ‘परकोटा’ 762 मीटर लंबा है, जिसमें छह मंदिरों और भक्तों द्वारा ‘परिक्रमा’ की सुविधा है. बता दें कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. 9 नवंबर, 2019 को अपने फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि उस स्थान पर राम मंदिर का निर्माण किया जाए जहां कभी बाबरी मस्जिद थी और उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले के भीतर एक मस्जिद के निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन अलग रखी जाए.