लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्वांचल के युवा गन्ना किसानों को गन्ना रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया। साथ ही वर्चुअली सहकारी गन्ना व चीनी मिल समितियों के नवनिर्मित भवनों का लोकार्पण भी किया।
135 गन्ना किसानों को मिला सम्मान
युवा गन्ना किसानों को खेती की ओर जागरूक करने के लिए प्रदेश सरकार के द्वारा गन्ना किसानों के लिए गन्ना रत्न पुरस्कार की शुरुआत की गई है। खास करके पूर्वांचल के क्षेत्र से आने वाले गन्ना किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए यह पुरस्कार दिया जा रहा है। करीब 135 गन्ना किसानों को अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सम्मानित किया गया।
इस मौके पर सीएम योगी ने कहा कि यूपी के गन्ने की मिठास देश-दुनिया में पहुंच रही है। यूपी सबसे ज्यादा गन्ना उत्पदान के साथ चीनी और एथनॉल का सबसे बड़ा सप्लायर बन गया है। पहले किसानों को परेशान होना पड़ता था। वर्षों का गन्ना मूल्य बकाया रहता था ।
6 वर्षो में किसानों के लिए बड़े स्तर पर बदलाव हुए हैं। 2017 के बाद लगातार किसानों का भुगतान कराया गया है। हमने चीनी मिल मालिकों के साथ भी समन्वय बनाया है। 2,13,400 करोड़ से ज्यादा की राशि गन्ना किसानों के खाते में जा चुकी है। हमने 4 बंद चीनी मिल शुरू करवाई हैं। वही 2 नई चीनी मिल की स्थापना भी की है।
पहले बस्ती जिले के अंदर मुंडेरवा में गन्ना किसानों पर गोली चलाई गई थी। आज वहां चीनी मिल चल रही है। किसान अब खेती को नुकसान का काम नहीं मान रहे हैं। किसानों के विकास में कोई भी बाधक नहीं बन सकता है। अब कोई घटतौली नहीं कर सकता , टेक्नोलॉजी से सब सम्भव हुआ है।
युवा किसान गन्ना उपज बढ़ाने की प्रतिस्पर्धा
यूपी के युवाओं को खेती की ओर अग्रसर करने के लिए प्रदेश सरकार ने तमाम योजनाएं लागू की है। इसी में एक योजना किसानों के सम्मान की भी है। इसमें गन्ना किसानों को गन्ना रत्न पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान प्रथम पुरस्कार पाए किसान को ₹51000 और प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। वहीं दूसरे स्थान पर रहे गन्ना किसान को 31000 और तीसरे स्थान पर रहे किसान को ₹21000 और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
युवा गन्ना किसानों के लिए संवाद कार्यक्रम का आयोजन
प्रदेश सरकार की तरफ से गन्ना किसानों से संवाद स्थापित करने के लिए यह आयोजन किया गया है।इसके अंतर्गत युवा किसानों संवाद स्थापित कर उन्हें उत्पादकता बढ़ाने और बेहतर काम करने तरीके बताएं जाते हैं। खास करके प्रदेश के प्रवासी किसानों को भी जागरूक करने का काम किया जा रहा है। इससे कि युवा किसान गन्ने की खेती की ओर लौट रहे है।