भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने अपने खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के बीच उच्चतम न्यायालय के निर्देश का हवाला देते हुए अयोध्या में 5 जून को होने वाली अपनी आगामी रैली को स्थगित करने की घोषणा की है। यह घोषणा अधिकारियों द्वारा रैली की अनुमति से इनकार करने के बाद की गई। इससे पहले सुबह सात महिला पहलवानों द्वारा उनके खिलाफ दायर दो प्राथमिकी और यौन उत्पीड़न की 10 शिकायतों का ब्योरा सार्वजनिक किया गया।
फेसबुक पर जारी बयान में भाजपा सांसद ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का सम्मान करते हैं और अपने खिलाफ मामले की जांच कर रही पुलिस के साथ सहयोग करने को तैयार हैं। फेसबुक पोस्ट में बृजभूषण सिंह ने कहा कि आपके समर्थन के साथ पिछले 28 वर्षों से लोकसभा के सदस्य के रूप में सेवा की है। मैंने सत्ता और विपक्ष में रहते हुए सभी जातियों, समुदायों और धर्मों के लोगों को एकजुट करने का प्रयास किया है। इन्हीं कारणों से मेरे राजनीतिक विरोधियों और उनकी पार्टियों ने मुझ पर झूठे आरोप लगाए हैं।
वर्तमान स्थिति में कुछ राजनीतिक दल विभिन्न स्थानों पर रैलियां कर प्रांतवाद, क्षेत्रवाद और जातीय संघर्ष को बढ़ावा देकर सामाजिक समरसता को भंग करने का प्रयास कर रहे हैं। उद्देश्य यह है कि 5 जून को अयोध्या में एक संत सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया गया ताकि पूरे समाज में फैल रही बुराई पर विचार किया जा सके, लेकिन अब जबकि पुलिस आरोपों की जांच कर रही है और सुप्रीम कोर्ट के गंभीर निर्देशों का सम्मान करते हुए जन चेतना महारैली, 5 जून, अयोध्या चलो कार्यक्रम कुछ दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया है। इस मुद्दे पर सभी धर्मों, जातियों और क्षेत्रों के लाखों समर्थकों और शुभचिंतकों ने विनम्र तरीके से मेरा समर्थन किया है। इसलिए मैं सबका आभार व्यक्त करते हुए विश्वास दिलाता हूं कि मैं और मेरा परिवार हमेशा आपका कर्जदार रहेगा।