हरदोई नगर के बंसीनगर स्थित बाबा नागेश्वर नाथ मंदिर प्रांगण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने हिन्दू साम्राज्य दिवस बड़े हर्षोल्लास से मनाया
इस अवसर पर उपस्थित स्वयंसेवकों को उद्बोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संघचालक शिवस्वरूप ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के बिना भारत की परिकल्पना कर पाना असंभव सा प्रतीत होता है। आज ही के दिन 347 वर्ष पूर्व जेष्ठ शुक्ल त्रयोदशी के दिन सन 1674 को छत्रपति शिवाजी का राज्याभिषेक हुआ था। यह दिन न सिर्फ मराठा साम्राज्य के लिए वरन सम्पूर्ण हिन्दू समाज के लिए गौरव दिवस है. इसलिए हम आज के दिन को हिन्दू साम्राज्य दिवस के रूप में मनाते हैं।
वीरता और राष्ट्रभक्ति के गुण शिवाजी में बचपन से ही थे. पर उनकी माँ जीजाबाई ने इन गुणों को और भी संवारा। वे बाल शिवाजी को रामायण, महाभारत सहित पुराणों आदि की कहानियां सुनाती जिससे शिवाजी में वीरता, राष्ट्रप्रेम और धर्मपरायणता के गुण और भी पुष्ट हुए।
युवावस्था में ही उन्होंने अपनी सेना का गठन करके तोरल नाम का दुर्ग जीत लिया. जल्दी ही उन्होंने अपनी विशिष्ट छापामार युद्धनीति से कई दुर्गों पर विजय प्राप्त कर ली। ये देख कर बीजापुर के सुलतान आदिल शाह को भय लगने लगा और उन्हें अफज़ल खान नाम के सिपहसालार को शिवाजी से संधि करने भेजा। अफज़ल की मंशा शिवाजी की हत्या करने की थी. पर चतुर शिवाजी ने भांप लिया और बघनखे से दुष्ट आदिल शाह का वध कर दिया।
कालांतर में संधि के बहाने औरंगजेब ने शिवाजी महाराज को बुलाया और छल से उन्हें गिरफ्तार कर लिया । वे अपनी सूझ बूझ से मिठाई के बक्से में बैठ कर निकल आए और पुनः संघर्ष आरम्भ कर दिया. उनकी प्रेरणा से देश भर के राजा एकजुट होने लगे।
उन्होंने आगे कहा कि हम छत्रपति शिवाजी महाराज के कालखंड को देखें तो पाएंगे कि राष्ट्र की सामाजिक , धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण करने के जो प्रयास चले थे, वे बार- बार विफल हो रहे थे। संत समाज द्वारा भी समाज में एकता लाने के प्रयास किए जा रहे थे। पर ये प्रयास भी काफी नहीं थे. शिवाजी ने लम्बे संघर्ष के बाद विजय प्राप्त की और हिन्दू साम्राज्य की स्थापना की । यह विजय केवल शिवाजी महाराज की विजय नहीं थी। अपितु हिंदू अस्मिता के लिये संघर्ष करने वालों की विजय थी। शिवाजी के प्रयत्नों से तात्कालिक हिंदू समाज के मन में विश्वास के भाव का निर्माण हुआ। समाज को आभास हुआ कि पुनः इस राष्ट्र को सांस्कृतिक रूप से सम्पन्न बनाते हुए सर्वांगीण उन्नति के पथ पर अग्रसर कर सकते हैं।
आज हिन्दू साम्राज्य दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को हिन्दू साम्राज्य, संस्कृति, सभ्यता और सौहार्द के प्रति जागरूक करना है। वर्तमान समय में भी हिन्दू समाज के सामने अनेक चुनौतियां हैं। जनसंख्या असंतुलन, धर्मपरिवर्तन, लव जेहाद, जातिगत वैमनस्यता, छुआछूत आदि. आज के स्वयंसेवकों को चाहिए कि शिवाजी महाराज के जीवन, उनके गुणों, उनके चरित्र को आत्मसात कर, समाज के लिये अनुकरणीय बनें।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला सेवा प्रमुख राजेश सिंह, जिला सम्पर्क प्रमुख के के अवस्थी, जिला प्रचार प्रमुख प्रभाकर गुप्ता, नगर संघचालक मिथिलेश शर्मा, नगर कार्यवाह विनय पाण्डेय सहित सैकड़ों की संख्या में स्वयंसेवक उपस्थित रहे।