कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ​​​​​​​और विधायक में तू-तू-मैं-मैं

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ​​​​​​​और विधायक में तू-तू-मैं-मैं

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष (लक्ष्मणगढ़ विधायक) गोविंद सिंह डोटासरा और सीकर विधायक (कांग्रेस) राजेंद्र पारीक में नोकझोंक हो गई। पानी की निकासी के मुद्दे पर दोनों नेता आमने-सामने आ गए। डोटासरा ने पारीक पर अधिकारियों की साइड लेने का आरोप लगाया। करीब 10 मिनट तक दोनों नेताओं में बहस होती रही और कलेक्ट्रेट सभागार में उपस्थित कलेक्टर से लेकर प्रभारी मंत्री शकुंतला रावत देखते रहे। दोनों नेता एक-दूसरे को सीमा में रहने की हिदायत देते रहे। बात आगे बढ़ती देख शकुंतला रावत ने पारीक को टोका।

सीकर कलेक्ट्रेट सभागार में सोमवार सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे प्रभारी मंत्री शकुंतला रावत बजट घोषणाओं को लेकर बैठक ले रही थीं। नवलगढ़ रोड जल निकासी और नवलगढ़ रोड पुलिया फोरलेन प्रोजेक्ट को लेकर लक्ष्मणगढ़ विधायक गोविंद सिंह डोटासरा ने अधिकारियों से जवाब मांगा।

आप अपने लक्ष्मणगढ़ विधानसभा क्षेत्र का ध्यान रखो

डोटासरा ने पूर्व मंत्री पारीक को अधिकारियों का पक्ष न लेने की बात कही। ऐसे में दोनों के बीच टकराव हो गया। माहौल इतना गरमा गया कि राजेंद्र पारीक ने डोटासरा को यहां तक कह दिया कि आप अपने लक्ष्मणगढ़ विधानसभा क्षेत्र का ध्यान रखो।

डोटासरा ने हद में रहने की दी हिदायत

डोटासरा ने कहा कि मेरा आवास सीकर में नवलगढ़ रोड पर है। ऐसे में मुझे परेशानी होती है। पारीक ने कहा कि मैं और सभापति रात को 12-12 बजे तक शहर में चल रहे विकास कार्यों की खुद मॉनिटरिंग करते हैं। इस पर डोटासरा ने पारीक को कहा कि आप अपनी सीमा में रहिए।

अब पढ़िए किसने क्या कहा...

डोटासरा ने पारीक से कहा- आप अपनी सीमा में रहो।

पारीक ने गुस्से में कहा - आपको शर्म आनी चाहिए।

डोटासरा ने फिर कहा- आप अपनी सीमा में रहो। ठेका नहीं ले रखा है आपने सीकर का। ये बनेगा या नहीं बनेगा।

पारीक ने कहा- चुप करो यार। इस पर मंत्री ने बीच-बचाव करते हुए कहा कि आप इतने सीनियर हो।

डोटासरा ने कहा- ये सीनियर हैं। ये तो जबरदस्ती पार्टी बन गए।

पीडब्ल्यूडी अधिकारियों पर बरसे डोटासरा

बीच-बचाव करने आई प्रभारी मंत्री शकुंतला रावत ने जब दोनों का विवाद सुलझाने की कोशिश की तो पारीक ने कहा कि ऐसे लोगों के साथ बैठक मत रखिए। करीब 10 मिनट तक डोटासरा और पारीक के बीच नोकझोंक चलती रही। बीच-बचाव के बाद दोनों को शांत किया गया। इसके बाद बैठक वापस शुरू हुई। डोटासरा ने नवलगढ़ पुलिया फोरलेन पर पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को कहा कि आपने पीपीटी में कोई और बात बताई है, जबकि बैठक में दूसरी बात कह रहे हो।

रेलवे के अधिकारियों की बैठक होनी चाहिए

ऐसे में किस बात को आधार मानें। फरवरी में बजट आ चुका है लेकिन अभी तक आप लोग यह डिसाइड नहीं कर सके हो कि काम किस तरीके से करना है। चुनाव में अब 4 महीने का समय बचा है। हम लोग जनता को क्या जवाब देंगे? डोटासरा ने बैठक में यह कह दिया कि मुझे 101 प्रतिशत विश्वास है कि पीडब्ल्यूडी यह काम नहीं कर पाएगी। राजेंद्र पारीक ने इस पर कहा कि स्टेट लेवल पर विभाग और रेलवे के अधिकारियों की बैठक होनी चाहिए। तब जाकर इसमें काम हो सकता है।

बैठक के बीच में से चले गए सभापति

बैठक में डोटासरा सीकर नगर परिषद सभापति जीवण खां से भी उलझते हुए नजर आए। डोटासरा ने कहा कि हमारी सरकार होने के बावजूद भी पिपराली रोड और नवलगढ़ रोड की हालत खराब है। लोग वहां नर्क की जिंदगी जी रहे हैं। डेढ़ महीने से वहां कोई काम नहीं हो रहा है। नवलगढ़ पुलिया,जगमलपुरा बायपास के साथ ही सीवरेज का काम भी धीमी गति से चल रहा है। जवाब में जीवण खां ने कहा कि नगर परिषद लगातार काम कर रही है। करीब एक मिनट तक दोनों के बीच में नोकझोंक हुई। फिर बीच बैठक ही नगर परिषद सभापति चले गए।

सड़क निर्माण पर खर्च हुआ पैसा

बैठक में जनप्रतिनिधियों ने कहा कि जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) की बैठक 2 साल तक नहीं होती है। नीमकाथाना विधायक सुरेश मोदी ने कहा कि डीएमएफटी का 75% पैसा मेरे क्षेत्र से आता है। इसके बावजूद मेरे इलाके में वह पैसा विकास कार्यों में खर्च नहीं होता। इस पर प्रभारी मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि वह पैसा जिले में कहीं भी खर्च हो सकता है। नीमकाथाना क्षेत्र में भी हुआ है। इसके अलावा सीकर में मेडिकल कॉलेज में भी डीएमएफटी का पैसा खर्च हुआ है । इसके अलावा बैठक में दासा की ढाणी, जयपुर रोड, पिपराली रोड के सड़कों के कामों पर चर्चा हुई।

डोटासरा बोले- पारीक साहब मेरे बड़े हैं

बैठक के बाद पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा मीडिया से रूबरू हुए। इस दौरान वे पारीक से हुए विवाद पर बोले- हमारा किसी अधिकारी या नेता से कोई व्यक्तिगत दुराभाव नहीं है। हम सभी तो साथ बैठकर खाना खाते हैं। संगठन में साथ बैठकर काम करते हैं। पारीक साहब मेरे बड़े हैं। मैं उनके पैर छूकर नमस्कार करता हूं। लेकिन जब बजट घोषणा की बात करें तो वह उसे व्यक्तिगत लेकर कह रहे हैं कि मेरे अधिकारी पर आप लांछन लगा रहे हो। हो सकता है कि उन्हें कोई गलतफहमी हुई हो। उनकी गलतफहमी को मैं दूर करूंगा।

मतभेद हो सकता, लेकिन मन भेद नहीं हैं

डोटासरा ने कहा कि सीकर के विकास के लिए पारीक भी काफी प्रयास कर रहे हैं। अधिकारी किसी का नहीं होता है। वह केवल अपना होता है और अपनी नौकरी का होता है। कोई अधिकारी किसी की डिजायर से कहीं नौकरी लग जाता है तो इसका मतलब यह नहीं कि वह गलत काम कर दे। डोटासरा ने कहा कि आज के इस संवाद से जनता को मैसेज मिलेगा कि जनता के मुद्दों को लेकर हमें जहां टकराने की आवश्यकता है, वहां हम टकराते हैं। मतभेद किसी बात को लेकर हो सकता है लेकिन हमारे बीच मन भेद नहीं है।

सीएम ने सीकर को सबसे ज्यादा बजट दिया है। जनता जब हमारा मूल्यांकन करेगी तो वह यही देखेगी कि किस तरह से सरकार ने गुड गवर्नेंस दी। मीटिंग में जिस जिसके जो विचार थे, वह उन्होंने रखे। डोटासरा ने कहा कि जो भी काम हो वह क्वालिटी का होना चाहिए। क्योंकि यह पैसा हमारा पैसा नहीं बल्कि जनता का पैसा है।

दोनों के बीच नोकझोंक नहीं केवल संवाद था

प्रभारी मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि कई काम ऐसे होते हैं जिनमें केंद्र सरकार से मंजूरी मिलना जरूरी होता है। लेकिन केंद्र सरकार कोई न कोई पॉइंट लगाकर फाइल को वापस भेज देती है इसलिए बजट घोषणा साकार होने में देरी हो जाती है। डोटासरा- पारीक के विवाद पर रावत ने कहा कि यह कोई नोकझोंक नहीं थी बल्कि दोनों आपस में डिस्कस कर रहे थे। यदि ऐसा संवाद किसी को विवादित लगता है तो यह विवादित नहीं है।


 ik0pyj
yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

Leave a Reply

Required fields are marked *