आजकल के स्मार्टफोन्स काफी एडवांस हैं. इनमें कई तरह के काम आसानी से हो जाते हैं. इन्हें एक तरह से छोटा कम्प्यूटर कहा जा सकता है. लेकिन, कई बार महंगे से महंगे फोन भी दिक्कत करने लगते हैं. फिर लोगों को इन्हें ठीक करने के लिए समय देना होता है. कई बार ये दिक्कतें जरूरी कामों के वक्त होने लगती हैं. इसका छोटा सा सॉल्यूशन है फोन को रीस्टार्ट करना.
आपने कई बार IT डिपार्टमेंट या प्रोफेशनल्स भी सुना होगा कि ये कहते हुए कि एक बार फोन या टैबलेट या पीसी को ऑफ कर ऑन कर लें. दरअसल, फोन को रेगुलर तौर पर Restart करते रहने पर आप कई तरह की दिक्कतों को पैदा होने से रोक सकते हैं
फोन के रेगुलर तौर पर रीस्टार्ट होने पर ये काफी स्मूद तरीके से चलते हैं. यहां पर एक बात साफ करनी होगी कि फोन को रीस्टार्ट करना हर समस्या का समाधान नहीं है. लेकिन, चूंकि ये प्रक्रिया फोन को कई तरह से मदद करती है और रेस्ट करने का मौका देती है. इसलिए ऐसा करना बेहतर माना जाता है
फोन के रीस्टार्ट होने पर ये एक तरह से ये प्रोसेस डिवाइस की मेमोरी को क्लियर करता है. किसी मालफंक्शन करने वाले ऐप को बंद करता है और इसे फ्रेश तरीके से ओपन करता है. साथ ही फोन रिस्टार्ट होने पर ये मेमोरी मैनेजमेंट और बैटरी ऑप्टिमाइजेशन में भी मदद करता है
इन सबके अलावा फोन को Restart करने से डाउनलोड हुए सॉफ्टवेयर अपडेट भी इंस्टॉल होते हैं. ये नेटवर्क की आ रही दिक्कतों को दूर करता है. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि फोन को हफ्ते में कम से कम तीन बार रीस्टार्ट जरूर करना चाहिए
जबकि एंड्रॉयड फोन बनाने वाली बड़ी कंपनी सैमसंग अपने Galaxy phone को रोज रीस्टार्ट कहती है. एंड्रॉयड फोन्स में रीस्टार्ट का ऑप्शन पावर बटन को दबाकर रखने पर आ जाता है. वहीं, कई में ये ऑप्शन डाउन वॉल्यूम बटन और पावर बटन को एक साथ दबाने पर आता है. इसी का तरह का ऑप्शन iPhone खे लिए भी मिलता है
कुछ एंड्रॉयड फोन में automatic reboots को शेड्यूल करने का ऑप्शन भी मिलता है. उदाहरण के तौर पर अगर आपके पास Samsung Galaxy फोन हो, तो इसके लिए आपके सेटिंग पर जाना होगा और फिर Battery and device care पर जाना होगा. यहां आपको Auto Optimisation का ऑप्शन मिलेगा. यहां जाकर केवल आपको Restart When Needed के टॉगल को ऑन करना है. अच्छी बात ये है कि ये काम तब ही होगा जब आप फोन इस्तेमाल न कर रहे हों.