बरेली: उतर प्रदेश के बरेली के ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने प्रेस को बयान जारी करते हुए कहा कि देश में दो शक्तियां ऐसी हैं, जो देश को तोड़ने और देश में नफरत फ़ैलाने का काम कर रही है, पहले वो व्यक्ति हैं जो धार्म का चोला पहनकर अपना सियासी वजूद कायम करने में लगे हुए हैं. वो हैं बागेश्वर धाम के बाबा धीरेन्द्र शास्त्री, और दूसरे व्यक्ति का नाम श्री स्वामी प्रसाद मौर्य है जो समाजवादी पार्टी के महासचिव हैं.
एक व्यक्ति भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने का आंदोलन चला रहा है, जगह जगह विशाल जनसभाएं की जा रही है और दूसरा देश की बहुसंख्यक आबादी की आस्था वाली किताब रामचरित्रमानस की तौहीन करता फिर रहा है. सपा कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके किताब के पन्नों को जलाया जा रहा है. ये तमाम घटनाएं दो समुदाय के दरमियान संप्रदाय दंगा कराने की साजिश है. देश के अंदर नफरत फैलाने, समाजिक ताने बाने को बिखेरने और देश को तोड़ने का कार्य किया जा रहा है.
भारत भविष्य में 500 साल तक हिन्दू राष्ट्र नहीं बन सकता
मौलाना बरेलवी ने भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार से मांगा की है कि इन दोनों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए और इनकी नफरत फ़ैलाने वाली सभाओं पर प्रतिबंध लगाया जाए और साथ ही इस बात की जांच कराई जाए की इनके पीछे कौन सी ताकतें हैं जो देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने कर तुली हुई है, मैं दावे से कहता हूं कि भारत भविष्य में 500 साल तक हिन्दू राष्ट्र नहीं बन सकता है, ये देश जम्हूरियत में भरोसा रखने वाला है.
उन्होंने कहा कि बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के पास अभी तक हिंदू राष्ट्र का कोई भी खाका नहीं है और ना ही उन्होंने पेश किया है. वह किस तरीके से हिंदू राष्ट्र चाहते हैं क्या मॉडल क्या है. वह हिंदू राष्ट्र का मॉडल पेश करें. खाका पेश करें. तभी समझ में आएगा.
मुसलमानों को हिंदू राष्ट्र के नाम पर डराने की कोशिश
हिंदुस्तान सभी धर्मों से मिला हुआ एक राष्ट्र है जो संविधान के अनुसार चलता है. हिंदुस्तान ऐसे ही चलता रहेगा. मेरा दावा है आज से लेकर 500 साल तक हिंदू राष्ट्र नहीं बन सकता. चाहे बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री जितनी भी कोशिश और जोर लगा लें. वो देश के लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं. मुसलमानों को हिंदू राष्ट्र के नाम पर डराने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने स्वामी स्वामी प्रसाद मौर्या पर निशाना साधते हुए कहा कि वो उल्टे सीधे ज्ञान देते रहते हैं उनका अपना स्वयं का ना तो सियासी वजूद है और ना ही सामाजिक वजूद है. कभी किसी पार्टी होते हैं कभी किसी पार्टी में होते हैं. मौसम के बरसात की तरह अपना चेहरा और चरित्र बदलते हैं. कुछ समय पहले उन्होंने रामचरितमानस पर सवाल उठाया था. जो हिंदुओं की आस्था का प्रतीक रामचरितमानस पर सवाल उठाना गलत है. उनकी सोच गलत है वो पूरे देश में भारत में हिंदुओं के आस्था की रामचरितमानस पर तोहीन करते हुए घूम रहे हैं इस पर लगाम लगना चाहिए.