पालघर: महाराष्ट्र के पालघर जिले की एक अदालत ने 2011 के मादक पदार्थ मामले में आरोपी 40 वर्षीय ट्रक चालक को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है। जिला और अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (वसई) डॉ. सुधीर एम. देशपांडे ने दो मई को पारित आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष जम्मू-कश्मीर निवासी मंगल राज भगत के खिलाफ आरोप साबित करने में विफल रहा इसलिए उन्हें बरी किया जाता है। आदेश की प्रति मंगलवार को उपलब्ध कराई गई। एक अन्य आरोपी विजय कुमार की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई और इसलिए उनके खिलाफ मामला समाप्त कर दिया गया।
अभियोजक ने अदालत को बताया कि एक गुप्त सूचना के आधार पर स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी), मुंबई के अधिकारियों ने 25-26 फरवरी, 2011 की रात को पालघर के वसई इलाके में चिंचोटी नाका के एक होटल के पास एक ट्रक को रोका। अदालत को बताया गया कि अधिकारियों ने चालक की सीट के पीछे छिपाकर रखी गई 62 किलोग्राम चरस भी बरामद की। ट्रक चालक को गिरफ्तार कर लिया गया और बाद में उसे जमानत दे दी गई।
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा, ‘‘संतोषजनक ठोस सबूत देने में जांच अधिकारी की अक्षमता के अलावा जब्त किए गए पदार्थ के स्रोत को लेकर भी कोई साक्ष्य नहीं है। मादक पदार्थ के स्त्रोत के बारे में तथा उसके लेन-देन के संबंध में भी कोई जांच नहीं की गई।