भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की फ्रेश पासपोर्ट देने की याचिका का विरोध किया और कहा कि अगर पूर्व सांसद को विदेश यात्रा की अनुमति दी जाती है, तो इससे नेशनल हेराल्ड मामले की जांच प्रभावित हो सकती है। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) वैभव मेहता ने मामले में जवाब दाखिल करने के लिए सुब्रमण्यम स्वामी को समय दिया और इसे आगे की सुनवाई के लिए 26 मई, 2023 के लिए पोस्ट कर दिया।
सुब्रमण्यम स्वामी नेशनल हेराल्ड मामले में शिकायतकर्ता हैं। वो व्यक्तिगत रूप से पेश हुए और आवेदन का विरोध किया। कोर्ट ने कहा कि मामला 2018 से लंबित है और राहुल गांधी विदेश यात्रा करते रहे हैं। वह भाग जाएगा या फरार हो जाएगा ऐसी कोई आशंका नहीं है। कोर्ट ने कहा कि यात्रा का अधिकार मौलिक अधिकार है। राहुल गांधी के वकील तरानुम चीमा के साथ अधिवक्ता निखिल भल्ला और सुमित कुमार ने भी कहा कि कोई आपराधिक कार्यवाही लंबित नहीं है और विदेश यात्रा एक मौलिक अधिकार है। लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य ठहराए जाने के बाद आवेदक इस वर्ष मार्च में संसद सदस्य नहीं रहे। उन्हें सूरत की एक अदालत ने आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी ठहराया था। उन्होंने अपने राजनयिक पासपोर्ट को सरेंडर कर दिया और नए साधारण पासपोर्ट के लिए आवेदन करने का फैसला किया है।
वर्तमान आवेदन के माध्यम से, आवेदक नए सामान्य पासपोर्ट के लिए इस न्यायालय से अनुमति और अनापत्ति मांग रहे हैं।’’ अदालत ने 19 दिसंबर 2015 को गांधी और अन्य को नेशनल हेराल्ड मामले में जमानत दे दी थी।