राजस्थान में जबरदस्त तरीके से कांग्रेस के भीतर वार-पलटवार की राजनीति की जा रही है। भ्रष्टाचार को लेकर अपनी ही सरकार पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट हमलावर हैं। पिछले दिनों उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मार्च निकाला था। इस मार्च के द्वारा उन्हें राजस्थान की सरकार को साफ तौर पर अल्टीमेटम दे दिया और कहा कि अगर भ्रष्टाचार को लेकर कार्रवाई नहीं होती है तो पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। हालांकि, कांग्रेस सचिन पायलट के साथ खड़ी नजर नहीं आ रही है। कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा कई बार यह कह चुके हैं कि सचिन पायलट गलत रास्ते पर जा रहे हैं। उनसे लगातार सचिन पायलट के खिलाफ एक्शन को लेकर सवाल पूछे जा रहे हैं।
वहीं, आज सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि वे (अशोक गहलोत-सचिन पायलट) राजस्थान में एकमात्र नेता नहीं हैं। कई अन्य नेता हैं। मैं उन सभी से, सभी समुदायों के नेताओं से बात कर रहा हूं। सचिन पायलट की जन संघर्ष यात्रा पर राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि उन्होंने सीएम को अल्टीमेटम दिया है। यह सीएम ही हैं जो उनके अल्टीमेटम का जवाब दे सकते हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जब कांग्रेस पार्टी की बात आती है, तो मैं निश्चित रूप से आपको जवाब दूंगा। इससे पहले जब उनसे सचिन पायलट के भविष्य के बारे में पूछा तो उन्होंने कोई नाम लिए बिना कहा कि पार्टी तो कभी किसी को नहीं निकालना चाहती। कांग्रेस ऐसी पार्टी है जो हर आदमी का सत्कार करती है और जो पुराने हैं उनको तो कभी भी नहीं छोड़ना चाहती।
रंधावा ने कहा कि कांग्रेस ने किसी को नहीं छोड़ा (निकाला), और जो कांग्रेस को छोड़कर गया है उसका जो हाल हुआ है उसे आप सब जानते हैं। उल्लेखनीय है कि पायलट ने अपनी पांच दिन की जनसंघर्ष पदयात्रा के समापन पर सोमवार को जयपुर में आयोजित सभा में सरकार के सामने तीन मांग रखींजिनमें राजस्थान लोकसेवा आयोग (आरपीएससी) को बंद कर इसका पुनर्गठन करना, परीक्षा पत्र लीक होने से प्रभावित प्रत्येक नौजवान को उचित आर्थिक मुआवजा देना और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ लगे आरोपों की उच्चस्तरीय जांच कराना शामिल है।