दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत के अंदर पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गलत तरीके से पेश करने के आम आदमी पार्टी (आप) के सभी दावों को खारिज कर दिया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह द्वारा शेयर किए गए वीडियो में देखा जा सकता है कि गिरफ्तार नेता को कड़ी सुरक्षा के बीच गर्दन से घसीटा जा रहा है। केजरीवाल ने ट्वीट कर लिखा कि क्या पुलिस को इस तरह मनीष जी के साथ दुर्व्यवहार करने का अधिकार है? क्या पुलिस को ऐसा करने के लिए ऊपर से कहा गया है? वहीं, संजय सिंह ने लिखा कि पुलिसिया गुंडागर्दी चरम पर। सिसोदिया का गर्दन पकड़कर खींचता हुआ ये पुलिस अधिकारी अपने आका को खुश करने के चक्कर में भूल गया की न्यायालय इसकी नौकरी भी ले सकता है।
हालांकि, सभी आरोपों को खारिज करते हुए दिल्ली पुलिस ने ट्वीट किया, राउस एवेन्यू कोर्ट में पेशी के दौरान मनीष सिसोदिया के साथ पुलिस के दुर्व्यवहार की बात दुष्प्रचार है। वीडियो में प्रचारित पुलिस की प्रतिक्रिया सुरक्षा की दृष्टि से जरूरी थी। न्यायिक हिरासत में आरोपी द्वारा मीडिया को बयान जारी करना कानून के खिलाफ है इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने कथित आबकारी घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत की अवधि एक जून तक बढ़ा दी है। अदालत ने मंगलवार को जेल प्राधिकारियों को आप नेता को जेल में किताबों के साथ ही एक कुर्सी तथा मेज उपलब्ध कराने पर विचार करने का भी निर्देश दिया।
जब सिसोदिया को अदालत कक्ष से बाहर लाया जा रहा था, तो उन्होंने दिल्ली के सेवाओं के मामले पर केंद्र के अध्यादेश पर एक विधेयक लाए जाने के संदर्भ में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘‘लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते हैं।’’ दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ‘‘मोदी बहुत अहंकारी हो गए हैं।’’ दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को आबकारी नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 में यह नीति रद्द कर दी थी। सिसोदिया इस संबंध में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) तथा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज मामलों में आरोपी हैं।