जयपुर के SMS स्टेडियम में IPL मैच के दौरान हुए विवादों का असर अगले सीजन में दिखाई दे सकता है।
कभी फ्री पास को लेकर झगड़ा तो कभी लीगल नोटिस से खफा राजस्थान रॉयल्स टीम मैनेजमेंट अगले सीजन के सभी घरेलू मैच गुवाहाटी में शिफ्ट कर सकता है।
जयपुर में राजस्थान रॉयल्स ने अपने पांच मुकाबले खेले मगर इन मुकाबलों के दौरान रॉयल्स को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। एक ओर जहां रॉयल्स यहां 5 में से 4 मुकाबले हार गई, वहीं पिच पर भी सवाल उठे।
रॉयल्स के राजस्थान में सभी मुकाबले हो चुके हैं। ऐसे में अब खेल जगत में ये चर्चाएं हैं कि अगर ये विवाद नहीं सुलझे तो अगले सीजन में जयपुर से आईपीएल मुकाबले छिन सकते हैं।
रॉयल्स मैनेजमेंट बोला- ऐसा बर्ताव राजस्थान क्रिकेट के लिए अच्छा नहीं
इस पूरे विवाद को लेकर रॉयल्स ने अपनी नाराजगी भी व्यक्त की है। इस संबंध में जब राजस्थान रॉयल्स के उपाध्यक्ष राजीव खन्ना से भास्कर ने बात की तो उन्होंने यह कहा-
ये एक मेजर इश्यू था। इस बार हर मैच में जिस तरह का व्यवहार अलग-अलग लोगों अलग-अलग विभागों की ओर से किया गया वो अच्छा नहीं था। इस तरह का बर्ताव राजस्थान के क्रिकेट और यहां के खेल के लिए अच्छा नहीं है। खन्ना ने कहा कि जिस तरह की दिक्कतें आई हैं उसे देखते हुए अगले सीजन के लिए होम ग्राउंड तय करने से पहले यह मसला विचारणीय होगा। किसी और फ्रेंचाइजी के साथ ये समस्याएं नहीं आई।
जयपुर में सबसे पहले मुकाबले में जो इश्यू हुआ था उसे लेकर हमने आरसीए और बीसीसीआई दोनों को लिखा था और हमारी परेशानी जाहिर की थी कि इस तरह तो कैसे मैच होंगे। पास के इश्यू को लेकर मुझे पर्सनली भी परेशान किया गया। मेरे खिलाफ मुकदमे करवा दिए गए। मुझे धमकियां तक दी गईं। ऐसा नहीं कि सरकार ने सपोर्ट नहीं किया। सरकार ने, सीएम ने काफी सपोर्ट किया। हर छोटा इश्यू लेकर सीएम के पास तो नहीं जा सकते ना।
अगले सीजन में मैच तय करने से पहले यह सोचना होगा कि जयपुर में मैच करवाए जा सकते हैं या नहीं। राजस्थान रॉयल्स तो कहीं भी अपने मैच करवा सकती है। मगर यह राजस्थान के खेल और क्रिकेट के लिए अच्छा नहीं होगा।
विवाद की असली जड़ क्या है?
एक्सपर्ट की मानें तो इस विवाद की असली जड़ IPL मैच के पास है। दरअसल, जयपुर के SMS स्टेडियम में दर्शकों की क्षमता 23 हजार के करीब है। IPL की बढ़ती लोकप्रियता के चलते इस बार टिकटों को लेकर काफी मारामारी भी देखने को मिली।
राजस्थान रॉयल्स ने कुछ स्टैंड बढ़ाकर एक्स्ट्रा सिटिंग का इंतजाम भी किया, लेकिन वो भी नाकाफी रहा। ज्यादा भीड़ होने के कारण टिकट नहीं मिलने से क्रिकेट प्रेमियों को निराश होना पड़ता है। इसी वजह से जयपुर में इस तरह IPL के 5 मैचों को लेकर 5 विवाद हुए…
पहला : 19 अप्रैल को लखनऊ सुपर जायंटस के खिलाफ मैच से ही पहले खेल मंत्री अशोक चांदना ने विवाद खड़ा कर दिया। अस्थाई स्टैंड को लेकर दो दिन तक हंगामा चला। वीआईपी स्टैंड अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया। लोगों को भारी दिक्कतें आईं। आखिरकार देर शाम सब कुछ सामान्य हुआ।
दूसरा : पास को लेकर लगातार विवाद होते रहे। 27 अप्रैल को चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ हुए मैच से पहले इसे लेकर काफी चर्चाएं सामने आई। पुलिस की गाड़ियों में अवैध रूप से स्टेडियम में घुसने के किस्से भी सामने आए।
तीसरा : 4 मई को गुजरात टाइंटस के खिलाफ मुकाबले से पहले सीजीएसटी के नोटिस ने नई चर्चा छेड़ दी। सीजीएसटी ने आरसीए को 22 करोड़ इनपुट टैक्स क्रेडिट के फर्जीवाड़े के लिए नोटिस जारी किया। आनन-फानन में कुछ समय बाद आरसीए ने 10 करोड़ रुपए जमा कराए। इस दौरान खेल परिषद के कर्मचारियों पर टिकट ब्लैक करने के आरोप भी लगे। जिसे लेकर कर्मचारियों ने हंगामा खड़ा कर दिया।
चौथा : 7 मई को सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ मुकाबले से पहले यूथ बोर्ड के उपाध्यक्ष सुशील पारीक ने राजस्थान रॉयल्स को लीगल नोटिस भेज दिया। पारीक ने इस दौरान रॉयल्स पर एमओयू शर्तों के उल्लंघन और टिकट से लेकर पानी की बोतल तक की कालाबाजारी के आरोप लगाए। इस पर राजस्थान रॉयल्स की ओर से इन आरोपों को निराधार बताया गया।
पांचवां : 14 मई को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर से होने वाले मुकाबले से पहले यूथ बोर्ड उपाध्यक्ष सुशील पारीक ने राजस्थान रॉयल्स के उपाध्यक्ष राजीव खन्ना पर एफआईआर करा दी। इससे पहले जब पारीक ने रॉयल्स को लीगल नोटिस भेजा था, तब रॉयल्स की ओर से पास को लेकर दबाव की बात कही थी। इसी के जवाब में पारीक ने राजीव खन्ना के खिलाफ एफआईआर करा दी।
हम रिक्वेस्ट कर सारे विवाद सुलझा लेंगे : आरसीए सेक्रेटरी
इधर, इस पूरे मसले को लेकर आरसीए सेक्रेटरी बीएस सामोता ने कहा कि आईपीएल में ऐसा कोई विवाद नहीं हुआ। कुछ छोटी-मोटी चीजें हुई थी, जिन्हें हम सुलझा लेंगे। राजस्थान में मैच होते हैं तो रेवेन्यू आता है, लोगों को रोजगार मिलता है। हम चाहेंगे कि हर सीजन में मुकाबले हमारे यहां हो।
अगर कोई दिक्कत आएगी तो हम हाथ जोड़कर रिक्वेस्ट कर लेंगे, सभी को मिलकर राजस्थान के खेल और क्रिकेट को ऊपर लेकर जाना है। गुवाहाटी में जो रॉयल्स के मैच हुए वहां 40 प्रतिशत भी लोग नहीं आए। ऐसे में रॉयल्स के लिए भी यहां मैच कराना अहम है।
तो क्या गुवाहाटी में शिफ्ट होंगे सभी मैच?
राजस्थान रॉयल्स का सेकंड होम गुवाहाटी को माना जाता है। यही वजह है कि इस सीजन में रॉयल्स के 7 में से 2 घरेलू मुकाबले गुवाहाटी में करवाए गए। ऐसे में अगर अगले साल तक स्थितियां ऐसी ही रहती हैं तो रॉयल्स मैनेजमेंट घरेलू मुकाबले गुवाहाटी में कराने पर विचार कर सकता है। ऐसा भी माना जा रहा है कि अगर जयपुर में मुकाबले हुए भी तो उनकी संख्या और भी कम हो सकती है। जबकि गुवाहाटी में मुकाबलों की संख्या बढ़ सकती है।
रॉयल्स की जयपुर में पिच प्लानिंग हुई फेल
राजस्थान रॉयल्स के लिए जयपुर में घरेलू मुकाबलों में हुए दूसरे विवादों के साथ-साथ पिच प्लानिंग भी फेल हुई। क्रिकेट एक्सपर्ट बताते हैं कि जयपुर का मैदान बड़ा है, यहां की बाउंड्री बड़ी है। रॉयल्स के पास 3 टॉप क्वालिटी स्पिनर्स हैं। स्पिनर्स के लिए बड़े मैदान फायदमेंद होते हैं।
इसी वजह से स्पिन को सपोर्ट करने वाले पिच यहां बनाए गए। मगर रॉयल्स के लिए यह प्लानिंग सफल नहीं हो पाई। टीम के स्पिनर विकेट के लिए जूझते रहे। जबकि इन पिचों पर विरोधी टीमों ने अच्छे स्कोर से रॉयल्स को हरा दिया। इसमें गुजरात और बैंगलोर ने तो बड़े अंतर से रॉयल्स काे हराया। 5 में से 3 मुकाबलों में यहां रॉयल्स की बल्लेबाजी फ्लॉप साबित हुई।
नया स्टेडियम तैयार होगा तो मुसीबतें होंगी कम
जानकार बताते हैं कि मुकाबलों से पहले लगभग 25 फीसदी टिकट होम टीम की ओर से दिए जाते हैं। एसएमएस स्टेडियम की क्षमता लगभग 23 हजार दर्शकों की है। जबकि आईपीएल देखने वालों की भीड़ इससे कहीं अधिक। ऐसे में जयपुर-दिल्ली बाइपास पर चौंप में तैयार हो रहे नए क्रिकेट स्टेडियम के बनने से ये समस्याएं कम होंगी।
ये स्टेडियम 75 हजार दर्शकों की क्षमता वाला होगा। पहले फेज में इसकी क्षमता 40 हजार रखी गई है। ऐसे में अगर यह स्टेडियम तैयार हो जाएगा तो मैच को लेकर आने वाली भीड़ और पास जैसी समस्याएं हल हो सकती है।
सबसे अधिक क्षमता वाले स्टेडियम
नरेंद्र मोदी स्टेडियम अहमदाबाद : 1.32 लाख
ईडन गार्डन्स कोलकाता : 68 हजार
कोटला स्टेडियम दिल्ली : 42 हजार
चेपक स्टेडियम चेन्नई : 36 हजार
चिन्नास्वामी स्टेडियम बेंगलुरु : 40 हजार
वानखेड़े स्टेडियम मुंबई : 32 हजार
पहले से विवादों में रही है रॉयल्स और आरसीए
जयपुर में पहले से ही कई तरह के विवादों को लेकर मेजबानी का संकट रहा है। आईपीएल का यह 16वां सीजन है। मगर जयपुर को मेजबानी सिर्फ 8 सीजन में ही मिली है। इसमें भी सिर्फ 2008, 2011, 2012, 2013, 2018 और 2019 में ही पूरे मुकाबलों की मेजबानी रॉयल्स को मिली है। इसके अलावा 2010 में सिर्फ 3 और 2023 के इस सीजन में 5 मैच ही जयपुर में खेले गए। कुल मिलाकर राजस्थान रॉयल्स के अब तक 200 से ज्यादा IPL मुकाबलों में से जयपुर में सिर्फ 52 मुकाबले ही हुए हैं।
ब्लैक लिस्टेड होने से नहीं हुए दो साल मैच
इससे पहले ललित मोदी विवाद के चलते BCCI ने आरसीए को बैन कर दिया था। वर्ष 2014 और 2015 में इसका असर राजस्थान और यहां के क्रिकेट पर पड़ा था। लगभग 3 साल बाद आरसीए पर से बीसीसीआई ने बैन हटाया था। उसके बाद आरसीए के मार्फत राजस्थान में क्रिकेट वापस से पटरी पर आया।
फिक्सिंग मामले में बैन होने से गए दो सीजन
इसके बाद दो साल राजस्थान रॉयल्स फिक्सिंग मामले में बैन रही। वर्ष 2016 और 2017 में फिक्सिंग से जुड़े मामले में चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स को बैन कर दिया था। दो साल ये दोनों ही टीमें आईपीएल नहीं खेल सकी थी। इस दौरान गुजरात लॉयन्स और पुणे सुपरजायंटस जैसी नई टीमें आईपीएल से जुड़ी थी।
कोविड-19 के चलते तीन सीजन नहीं हुए मैच
इसके अलावा 2020, 2021 और 2022 में कोविड-19 का असर मेजबानी पर पड़ा। वर्ष 2020 और 2021 के मुकाबले जहां यूएई में हुए। वहीं 2022 में भारत के सिर्फ चुनिंदा शहरों में ही आईपीएल के मुकाबले करवाए गए। इससे पहले 2009 का पूरा सीजन दक्षिण अफ्रीका में हुआ