प्रदेश में 70% लोगों की हड्डियां कमजोर हैं। इसमें सबसे ज्यादा वो आबादी जो शहरी क्षेत्र में रहती हैं। हर व्यक्ति के अंदर विटामिन डी की बड़ी कमी है। प्रदेश में 10% लोग ऐसे हैं जिनकों गठिया की बीमारी है। वहीं विटामिन डी की कमी के कारण लोगों को जोड़ों के दर्द से गुजरना पड़ रहा है।
युवा अवस्था से ही शुरू हो जा रही समस्या
हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. एके अग्रवाल ने बताया कि गठिया बाई की समस्या 30 से 40 उम्र के युवाओं में भी हो रही है, जबकि पहले के समय में ऐसा बिल्कुल नहीं था। वर्तमान समय में कानपुर शहर में 10% लोग गठिया बाई की बीमारी से पीड़ित है।
शहरवासियों का आंकड़ा सबसे आगे
शहरी इलाकों की बात करें तो गठिया बाई से 90% लोग परेशान है, जबकि ग्रामीण इलाके में महज 10% लोग ही पीड़ित हैं। लोगों को अपनी लाइफ स्टाइल में बदलाव करना पड़ेगा नहीं तो आने वाली पीढ़ियां इस से बहुत प्रभावित होने वाली है।
10 से 15 साल में बढ़े मरीज
डॉ. अग्रवाल बताते हैं कि पहले 60 से ऊपर वाले लोगों में यह समस्या होती थी लेकिन पिछले 10 से 15 साल की बात करें तो यह समस्या अब युवाओं में भी होने लगी है। जब से कंप्यूटराइज दुनिया हुई है, इसके कारण लोगों ने चलना फिरना बहुत कम कर दिया है। अच्छे से धूप ना मिलने के कारण लोगों में विटामिन डी की भारी कमी है। इसलिए हमको आओ गांव चले अभियान की तहत चलना चाहिए।
1 किलो वजन बढ़ने से घुटने में 7 किलो पड़ता है असर
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि यदि शरीर का 1 किलो वजन बढ़ता है तो घुटने पर कम से कम 7 किलो वजन एक्स्ट्रा पड़ने लगता है। घुटनों पर जितना वजन बढ़ता जाएगा, उतना ही आपको चलने फिरने में समस्या खड़ी होगी।
धूप और मोटा अनाज है इसकी दवा
यदि आप रोजाना धूप लेते हैं और मोटे अनाज का सेवन करते हैं जैसे मक्का, जौ, चना, बाजरा, ज्वार आदि। इसके सेवन से आपको हड्डी से संबंधित दिक्कत कभी नहीं होगी। लोगों को मोटे अनाज का महत्व समझना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने बताया कि पैक चीजें नहीं खानी चाहिए। चिप्स, कोल्ड ड्रिंक या पैक खाना अन्य चीजें।