Manipur Violence: इस महीने की शुरुआत में मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद राज्य की स्थिति काफी खराब हो गई है. हिंसा में लाखों लोग तबाह हो गए. अपनी और अपने परिवार की जान बचाने के लिए लोगों को अपने घर से भागना पड़ा. इस तरह लाखों की तादाद में लोग इधर से उधर भटक गए. 55 से अधिक लोगों की हिंसा में मौत हो गई जबकि सैंकड़ों घायल हो गए. लाखों लोगों को राहत शिविर में पहुंचाया गया.
हिंसा के कई दिनों के बाद भी राज्य में हालात कुछ ठीक नहीं है. आलम यह है कि वहां दवाओं की किल्लत हो गई है. यह किल्ल्त आने वाले समय में और बढ़ सकती हैं. मणिपुर केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स एसोसिएशन ने इस बात की जानकारी दी है. एमसीडीए ने कहा कि राज्य लाइफ सेविंग ड्रग्स और अन्य दवाओं की कमी का सामना कर रहा है. आने वाले दिनों में स्थिति और बिगड़ सकती है.
पैनिक खरीदारी-ट्रकों के फंसने की वजह है कारण
उन्होंने कहा कि हाल ही में राज्य में हुए जातीय संघर्षों के बाद भड़की हिंसा के कारण कुकी समुदाय के लोगों ने इम्फाल-दीमापुर मार्ग पर आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में व्यवधान डाल दिया. इसके कारण यहां के कुछ इलाकों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति नहीं हो सकी. एमसीडीए के अध्यक्ष आरके राकेश ने इंफाल में मीडिया से बातचीत में कहा कि पैनिक खरीदारी और ट्रकों के फंसने की वजह से यहां दवाओं के स्टॉक में तेजी से कमी आई है.
दवाओं से लदे 26 ट्रक मणिपुर-असम में फंसे
उन्होंने कहा कि दवाओं से लदे 26 ट्रक मणिपुर और असम में फंसे हुए हैं. मणिपुर में मधुमेह, गुर्दे और हृदय रोगियों की एक बड़ी संख्या है, जिन्हें लाइफ सेविंग ड्रग्स की आवश्यकता है. इंटरनेट सेवा बंद होने से केमिस्टों, सप्लायर और मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के बीच कम्युनिकेशन गैप को बड़ा झटका लगा है. उन्होंने कहा कि बुनियादी चीजों की कीमतें काफी बढ़ गई हैं, जिससे लोगों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.
सब्जी-फल के दाम दोगुने से ज्यादा
आरके राकेश ने आगे कहा कि इंफाल के बाजार में शुक्रवार को कुछ सब्जियों और फलों के दाम दोगुने से भी ज्यादा हो गए हैं. कश्मीरी सेब 500 रुपये किलो और आलू 70-100 रुपये किलो बिक रहा है. वहीं, दूसरी तरफ गुरुवार को सेना और असम राइफल्स की मदद से टैंकरों और चावल, चीनी और दालों से लदे 28 ट्रक एनएच-37 (इम्फाल-सिलचर मार्ग) के रास्ते इंफाल पहुंचे.