New Delhi: पीएम मोदी-जेलेंस्की की रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद पहली बार होगी मुलाकात, पूरी दुनिया की निगाहें टिकीं

New Delhi: पीएम मोदी-जेलेंस्की की रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद पहली बार होगी मुलाकात, पूरी दुनिया की निगाहें टिकीं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिरोशिमा में हैं. वो G-7 शिखर सम्मेलन में शिरकत करने वहां पहुंचे हैं. मीटिंग में तो सभी नेताओं से बात होगी लेकिन उससे इतर भी द्विपक्षीय मीटिंग होने वाली है. पीएम आज यूक्रेन राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक आज दोपहर में पीएम और जेलेंस्की की मुलाकात होगी. इसके अलावा आज जापान, साउथ कोरिया, फ्रांस और वियतनाम के नेताओं के साथ भी पीएम मीटिंग करेंगे.

आज सुबह पीएम ने महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया. पीएम और जेलेंस्की की आज दोपहर मुलाकात तय मानी जा रही है. अगर ऐसा हुआ तो पिछले साल यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद दोनों नेताओं की पहली बार मीटिंग होगी. इससे पहले यूक्रेन की फर्स्ट डिप्टी फॉरेन मिनिस्टर झापरोव भारत आईं थीं. उन्होंने भारत से मानवीय मदद की गुहार भी लगाई थी. भारत ने उनको हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया था.

पीएम मोदी की द्विपक्षीय मीटिंग

पीएम मोदी का जापानी पीएम किशिदा फुमियो, फ्रांस प्रेसिडेंट इमैनुअल मैक्रों और वियतनाम पीएम फाम मिन्ह चिन से द्विपक्षीय वार्ता होनी है. जेलेंस्की और पीएम के बीच होने वाली मीटिंग से पहले कई दौर की राजनयिक मीटिंग हो चुकी है. पूरी दुनिया की निगाहें इस मीटिंग पर है. इससे पहले रूसी राष्ट्रपति पुतिन से जब पीएम की मुलाकात हुई थी तो पीएम ने युद्ध से कुछ न हासिल होने की बात कही थी. पूरी दुनिया ने पीएम मोदी की इस बात का समर्थन किया था. इधर अमेरिका बार-बार कह रहा है कि भारत के रूस और यूक्रेन दोनों से अच्छे संबंध हैं. पीएम मोदी इस युद्ध को रोकने की मध्यस्था कर सकते हैं. दोनों नेता पीएम मोदी की बात सुनते हैं और उस पर विचार करते हैं.

पीएम मोदी तीन देशों की यात्रा पर

एक दिन पहले पीएम मोदी जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया की छह दिवसीय यात्रा के लिए रवाना हुआ था. वो यहां पर जी7 के तीन सेशन में हिस्सा लेने वाले हैं. जेलेंस्की भी जी-7 में शिरकत करने आ रहे हैं. जापान ने उनको निमंत्रण भेजा था. जापान की इस शक्तिशाली ग्रुप की अध्यक्षता संभाल रहा है. रूस ने जब से यूक्रेन पर हमला किया है इसके बाद से मोदी, रूस के प्रेसिडेंट पुतिन और जेलेंस्की से कई बार फोन पर बातचीत हो चुकी है. भारत ने कभी भी युद्ध का समर्थन नहीं किया. भारत से साफ कहा कि कूटनीतिक तरीके से ही इस मसले का हल होना चाहिए.


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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