नई दिल्ली: ऐसे समय जब भारत में आईपीएल-2023 (IPL-2023) पूरे शबाब पर है, टीम इंडिया की ‘दीवार’ कहे जाने वाले चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) इंग्लैंड में काउंटी में ससेक्स के लिए बल्ले से जौहर दिखा रहे हैं. मौजूदा समय में टीम इंडिया को ‘मोस्ट डिपेंडेबल’ बैट्समैन पुजारा की आईपीएल के साथ ‘साझेदारी’ बेहद छोटी रही है और इनका रिकॉर्ड बेहद साधारण. दूसरे शब्दों में कहें तो टेस्ट क्रिकेट शैली के इस बल्लेबाज पुजारा को न आईपीएल पसंद आया और न ही आईपीएल को वे.
पांच सीजन में खेल सके केवल 30 मैच
35 वर्ष के पुजारा वर्ष 2010 से 2014 के बीच आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स, रॉयल चैलेंजर्स और किंग्स इलेवन पंजाब की ओर से खेले. 2010 में जहां वे केकेआर का हिस्सा रहे, वहीं बाद के वर्षों में आरसीबी और किंग्स इलेवन पंजाब की जर्सी में नजर आए. इस दौरान मैच खेलने के उन्हें कम ही अवसर मिले. इन पांच वर्षों के दौरान पुजारा ने 30 मैच खेले और 20.52 के औसत और 99.74 के बेहद साधारण स्ट्राइक रेट से 390 रन बनाए. आईपीएल में पुजारा के नाम केवल एक अर्धशतक (51 रन)दर्ज है जो उन्होंने 2013 में आरसीबी की ओर से खेलते हुए बनाया था.
तीन टीमों की ओर से खेले
वर्ष 2010 में चेतेश्वर ने केकेआर के सदस्य के तौर पर 10 मैचों में 30.50 के औसत से 122 रन बनाए और नाबाद 45 उनका सर्वोच्च स्कोर रहा. 2011 में आरसीबी के सदस्य के तौर पर उन्होंने सात मैचों में 34 (औसत 11.33) और 2012 में तीन मैचों में 5.66 के औसत से 17 रन बनाए. 2013 और 2014 में भी लगभग ऐसी ही स्थिति रही. 2013 में उन्हें चार मैच खेलने को मिले जिसमें उन्होंने 23 के औसत से 92 रन बनाए जबकि 2014 में पंजाब की ओर से छह मैचों में एक बार नाबाद रहते हुए उन्होंने 25 के औसत से 125 रन बनाए. टेस्ट क्रिकेट में भी कई बार जरूरत से ज्यादा धीमी बैटिंग को लेकर पुजारा की आलोचना होती रही है, ऐसे में ‘फटाफट क्रिकेट’ के पर्याय आईपीएल में उन्हें बेहद सीमित अवसर ही मिले.आईपीएल 2021 के लिए चेन्नई सुपरकिंग्स ने उन्हें 50 लाख रुपये की बेस प्राइस पर खरीदा था लेकिन उन्हें कोई मैच खेलने को नहीं मिला.