नई दिल्ली: Apple ने अपने कर्मचारियों के लिए ChatGPT और दूसरे एक्सटर्नल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स के इस्तेमाल पर रोक लगा दिया है. वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ऐसा इसलिए कर रही है क्योंकि वो खुद इसी तरह की टेक्नोलॉजी डेवलप कर रही है.
रिपोर्ट के मुताबिक Apple को AI प्रोग्राम इस्तेमाल करने वाले कर्मचारियों से गोपनीय डेटा के लीक होने को लेकर चिंता है. इसलिए कंपनी ने कर्मचारियों से Microsoft के स्वामित्व वाले GitHub Copilot को भी इस्तेमाल करने से मना किया है. ये सॉफ्टवेयर कोड की राइटिंग को ऑटोमेट करने के काम आता है.
कंपनी ने पेश किया इनकॉग्निटो मोड
पिछले महीने OpenAI यानी ChatGPT के क्रिएटर ने कहा था कि उसने ChatGPT के लिए ‘incognito mode’ पेश किया है. ये मोड यूजर्स के कन्वर्सेशन हिस्ट्री को सेव नहीं करता है. साथ ही ये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को इंप्रूव करने के लिए इस्तेमाल भी नहीं करता है.
आपको बता दें कि केवल ऐपल ने ही कर्मचारियों के लिए ChatGPT और दूसरे जनरेटिव AI टूल्स बैन नहीं लगाया है. JPMorgan Chase और Verizon भी ऐसे प्लेटफॉर्म्स के इस्तेमाल पर रोक लगा चुके हैं. वहीं, Amazon ने भी अपने इंजीनियर्स को थर्ड पार्टी की जगह इंटरनल AI टूल्स को इस्तेमाल करने को कहा है.
9to5Mac की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक ऐपल सीक्रेट तरीके से ‘Bobcat’ कोडनेम वाली नई टेक्नोलॉजी की टेस्टिंग कर रहा है. इससे सीरी को जनरेटिव नैचुरल लैंग्वेज मिलेगा. हालांकि, ये साफ नहीं कि ये फीचर लोगों को कब मिलेगा.