निकाय चुनाव के परिणाम के बाद सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव ने कहा- अगर भाजपा बेमानी ना करती तो परिणाम कुछ और होता। फिलहाल इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारे में कई चर्चाएं चल रही हैं। वहीं भाजपा निकाय चुनाव के परिणाम के बाद जीत की हैट्रिक मारने के लिए मिशन 2024 यानी लोकसभा चुनाव के लिए जुट गई है।
सपा-बसपा और कांग्रेस ने भी नई रणनीति के साथ चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया है। बसपा ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान करते हुए सभी कार्यकर्ताओं को गांव-गांव पहुंचने के निर्देश दिए हैं। अखिलेश यादव 2024 के चुनाव के लिए निकाय चुनाव के महापौर सीटों पर दूसरे नंबर वाले संसदीय क्षेत्र में मेहनत करने का फैसला करने में जुट गए हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में शुक्रवार यानी आज बैठक बुलाई गई है।
आइए जानते हैं कि कौन-से दल निकाय चुनाव के परिणाम के बाद क्या रणनीति कर रहे हैं...
भाजपा की वूमेन विंग बनाएंगी सहेली
भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल के नेतृत्व में निकाय चुनाव परिणाम के दूसरे दिन से ही बैठकों का दौर शुरू हो गया। मिशन 24 के लिए भाजपा पहली बैठक नोएडा में, फिर दूसरी वाराणसी में, उसके बाद अन्य जगह पर करेगी। भाजपा अब प्रबुद्धजनों का हालचाल लेने और महिला कार्यकर्ताओं की सहेली बनाए जाने पर काम कर रही है। संगठन को मजबूत करने के लिए मंगलवार को समीक्षा बैठक करते हुए संगठन के पदाधिकारियों को जिम्मेदारी भी सौंपी गई। फिलहाल 2024 में उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा सीट जीतने की योजना के साथ भाजपा के संगठन और सरकार की तरफ से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। पार्टी के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि जल्द ही भाजपा सरकार और संगठन में बड़ी जिम्मेदारी देकर 2024 के चुनाव को और मजबूत धार देगी। इस साल पीएम मोदी के कई कार्यक्रम भी होंगे।
सपा जहां निकाय चुनाव जीती, अखिलेश का वहां फोकस
यूपी में दो एमएलसी सीटों पर हो रहे चुनाव पर सपा ने भी अपने प्रत्याशियों को उतार दिया है। शिवपाल और अखिलेश यादव लगातार जिलेवार दौरे पर हैं। निकाय चुनाव के परिणाम में धांधली और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग का आरोप लगाया। सपा नेताओं द्वारा कार्यकर्ताओं को जोड़ने और 2024 के चुनाव में जुट जाने का संकल्प दिया गया है। शिवपाल यादव ने साफ कहा कि अगर भाजपा ने बेईमानी ना की होती तो चुनाव परिणाम कुछ और होते।
अखिलेश उन सभी सीटों पर चुनावी कार्यक्रम लगा रहे हैं। जहां पर निकाय चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया है। सपा अकेले चुनाव लड़ेगी या अन्य सहयोगी दलों को साथ जोड़ने का भी काम करेगी। फिलहाल मौजूदा समय में आरएलडी और सपा का गठबंधन उत्तर प्रदेश में एक्टिव है। नगर निगम में एक भी सीट आरएलडी को ना दिए जाने के बाद कई सीटों पर आरएलडी और सपा के उम्मीदवार एक दूसरे के खिलाफ उतारे भी गए थे।
बसपा गांव-गांव जाकर अपनी नीतियों को बताएगी
मायावती ने गुरुवार को लखनऊ स्थित कार्यालय पर समीक्षा बैठक की। बसपा कार्यकर्ताओं को साफ निर्देश दिए हैं कि भाजपा की नीतियों और दलित ओबीसी के खिलाफ किए जा रहे कामों का खुलासा गांव-गांव जाकर करें। यह भी कहा कि हमारा वोट लेकर भाजपा सत्ता पर राज कर रही है। बसपा प्रमुख ने क्षेत्रवार और जिलेवार समीक्षा करते हुए कार्यकर्ताओं से यह साफ ऐलान किया है कि अकेले लोकसभा का चुनाव हमारी पार्टी लड़ेगी। बसपा गांव-गांव जाकर अपनी नीतियों और सरकार में रहते हुए किए गए कामों को गिनाएगी।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने बुलाई बैठक
देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस का उत्तर प्रदेश में दिनोंदिन खराब प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। शुक्रवार को प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने बैठक बुलाई है। बृजलाल खाबरी द्वारा पार्टी को बढ़ाए जाने को लेकर अभी खास कोई योजना नहीं है। कार्यकर्ताओं में जोश भरने का कारण नहीं देखने को मिला है। खाबरी से पहले प्रदेश अध्यक्ष रहे अजय लल्लू प्रदेश भर में विभिन्न कार्यक्रमों और आंदोलनों में गिरफ्तारी के साथ-साथ कई बार जेल जाने का भी रिकॉर्ड कायम किया। मौजूदा समय में प्रदेश अध्यक्ष द्वारा अब तक तीन बैठकें बुलाई गई। फिलहाल 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अमेठी और रायबरेली के अलावा कौन-सी सीट पर टक्कर दे पाएगी यह देखने वाला होगा।