किरेन रिजिजू ने आज पृथ्वी विज्ञान मंत्री के रूप में अपना कार्यभार संभाल लिया है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू को गुरूवार को कानून और न्याय मंत्रालय से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में स्थानांतरित कर दिया गया था। इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष की आलोचनाओं पर भी करारा प्रहार किया। उन्होंने अपना पदभार ग्रहण करने के बाद मीडिया से बातचीत में बताया कि विपक्ष निश्चित रूप से मेरी आलोचना करेगा। विपक्ष मेरे खिलाफ बोल रहा है यह कोई नई बात नहीं है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह स्थानांतरण कोई सजा नहीं है, यह सरकार की योजना है, यह पीएम मोदी का दृष्टिकोण है।
रिजिजू ने आगे कहा, पीएम मोदी ने मुझे इससे पहले भी मुझे कई अलग-अलग विभागों की जिम्मेदारी दे चुके हैं। दरअसल, किरेन रिजिजू के मंत्रालय में बदलाव के बाद विपक्ष के कुछ नेताओं ने उनपर निशाना साधा था। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने रीजीजू को ‘नाकाम मंत्री’ कहा, वहीं वरिष्ठ वकील एवं राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने चुटकी लेते हुए कहा कि कानूनों के पीछे के विज्ञान को समझना आसान नहीं है। पूर्व कानून मंत्री सिब्बल ने कहा, ‘‘अब कानून नहीं, पृथ्वी विज्ञान मंत्री। कानूनों के पीछे का विज्ञान समझना सरल नहीं है। अब वह विज्ञान के कानूनों का सामना करेंगे। शुभकामना मेरे दोस्त।’’
उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना की नेता और राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने रीजीजू को कानून मंत्री पद से हटाकर पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में भेजे जाने के संभावित कारणों का जिक्र करते हुए कहा कि क्या महाराष्ट्र के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय का हालिया फैसला तो वजह नहीं था? उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘क्या महाराष्ट्र पर आये फैसले से असहज स्थिति बनी ?’’ बहुजन समाज पार्टी के लोकसभा सदस्य दानिश अली ने ट्वीट कर कहा, ‘‘सात फरवरी, 2023 को मैंने किरेन रीजीजू द्वारा न्यायपालिका की अतार्किक और खतरनाक आलोचना किए जाने का लोकसभा में पुरजोर विरोध किया था। उन्हें आज हटा दिया गया। यह काफी देर से हुआ और वह संस्था को बहुत नुकसान पहुंचा चुके हैं।