गैरजिम्मेदार लोग !
व्यक्ति अपने प्रति ही नहीं समाज और देश के प्रति भी जिम्मेदार होता है। हम सारी जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन पर छोड़ कर बरी नही हो सकते। बीती रात हरदोई शहर के पाश इलाके आवास विकास कालोनी से सटे शहर के एक पुराने इंटर कालेज के कृषि फार्म में फसल के कटने के बाद अवशेष में आग लगा दी गयी। उठ रही ऊँची ऊँची लपटे और तेज़ हवा आग के फैलने का खतरा बन रही थी तो जलने से उठने वाले धुंए ने आवास विकास कालोनी के एक हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया था। आसपास के मकानों में लोगों को दम घुटता महसूस हुआ।
देर रात के इस हादसे पर कुछ लोग इकट्ठे हो गए तो पत्रकार पहुँच गये। डीएम साहब और कप्तान साहब तक खबर पहुँच गयी। मौके पर पुलिस फायर ब्रिगेड और अधिकारी पहुँचे। प्रशासन की सजगता सराहनीय रही पर नागरिक सजगता निंदनीय रही। बहुत कम लोग घरों से निकले। जिन तक घटना की जानकारी सोशल मीडिया के जरिये पहुँची वह या तो प्रतिक्रिया विहीन रहे या मजाकिया मूड में रहे। लग रहा है कि अब नागरिक बोध धीरे धीरे खत्म हो रहा है। ठीक उस मेढ़क की तरह जो एक जार के पानी मे रखा गया और पानी को गर्म करना शुरू किया गया। मेढ़क कुछ बढ़ते तापमान तक प्रतिक्रिया देता रहा अंत में प्रतिक्रिया मुक्त हो गया और अंत को प्राप्त हुआ।
कल रात घटना के कुछ वीडियो फेसबुक पर डाले पर लोग प्रतिक्रिया विहीन रहे। समाज का यह बदलता स्वरूप चिंतनीय है। आज सुबह जब मॉर्निंग वॉक पर निकला तो देखा कि आवास विकास कालोनी के मंडी गेट मोड पर लगा लोहे का एक एंगल गायब है। बड़ी सफाई से निकाल कर गड्ढा पाट दिया गया। यह लोहे के एंगल सड़क के दोनो छोर पर आवासीय कालोनी में भारी व्यवसायिक वाहनों की निर्बाध आवाजाही की रोक के लिये नगरपालिका प्रशासन ने लगाये थे।
नगरपालिका चुनाव सम्पन्न हो गए हैं। सारे जनसेवक जीते और हारे अपनी अपनी मांद में जा चुके हैं। नगर निवासी बेफिक्र हैं। उन्हें किसी बात से कोई मतलब नहीं है। आखिर यह कैसा समाज और नागरिक बन गया है। आखिर लोग क्यों प्रतिक्रिया विहीन हो गए हैं। आखिर लोग क्यों इतने गैर जिम्मेदार हो गए हैं। सवाल हैं पर जबाब नहीं हैं।
राकेश पाण्डेय
(लेखक कर्मचारी यूनियन के नेता हैं और अपनी मुखरता के लिए जाने जाते हैं )