अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या के मामले की बुधवार को प्रयागराज की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के यहां सुनवाई हुई। CBI की ओर से डिस्ट्रिक्ट जज संतोष राय की कोर्ट को एप्लिकेशन दी गई कि घटना की सूचना देने वाले वादी अमर गिरि का पहला बयान कोर्ट में दर्ज कराया जाना है, इसलिए उन्हें तलब किया जाए। इस पर कोर्ट ने 31 मई की तारीख तय करते हुए वादी मुकदमा अमर गिरि और पवन महाराज को समन भेजने आदेश दिया है।
ट्रायल शुरू होने के बाद होगी पहली गवाही
डीजीसी क्रिमिनल गुलाबचंद अग्रहरि ने बताया कि महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या मामले में प्रयागराज की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल हो चुका है। सेशन कोर्ट द्वारा आरोप तय होने के बाद अब मुकदमे का ट्रायल होगा होगा। सेशन कोर्ट ने आरोपियों आनंद गिरी, आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी पर 31 मार्च को आरोप तय कर दिया था। अब सजा के लिए इस मामले में कोर्ट में यह पहली गवाही होगी।
20 सितंबर 2021 को नरेंद्र गिरि फांसी के फंदे पर झूलते मिले थे
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरि 20 सितंबर 2021 को अल्लापुर स्थित मठ बाघंबरी गद्दी के गेस्ट हाउस के कमरे में फांसी के फंदे पर झूलते मिले थे। जब उनका शरीर उतारा गया तो वह मृत हो चुके थे। गेस्ट हाउस के कमरे में सुसाइड नोट मिला था।
इस नोट में नरेंद्र गिरि ने कभी परम शिष्य रहे महंत आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी पर प्रताड़ित करने और आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा था। आद्या प्रसाद तिवारी बड़े हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी थे। नरेंद्र गिरि की डेथ के बाद जांच कर रही SIT ने तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। इसके कुछ दिन बाद शासन ने इस प्रकरण की जांच CBI को सौंप दी थी।
CBI की 19 पेज की चार्जशीट में दर्ज हैं 152 लोगों के बयान
CJM कोर्ट में 20 नवंबर 2022 को पेश की गई 19 पेज की चार्जशीट में 152 लोगों के बयान दर्ज हैं। CBI ने 28 सितंबर से 4 अक्टूबर तक आनंद गिरि को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ की थी। CBI की टीम आनंद गिरि को लेकर हरिद्वार आश्रम भी गई थी। आनंद गिरि के लैपटॉप और मोबाइल फोन को बरामद करने के बाद उस कथित वीडियो की बरामदगी का काफी प्रयास हुआ जिसको लेकर नरेंद्र गिरि टेंशन में आए गए थे।
सुसाइड नोट में लिखा था कि किसी महिला के साथ कूटरचित वीडियो बनाकर आनंद गिरि वायरल करने की धमकी देते हैं। नरेंद्र गिरि ने लिखा था कि जिस समाज में इतने सम्मान से जिया, उसमें बदनाम होकर जीने से मरना अच्छा है। हालांकि वो वीडियो बरामद नहीं हो सका। CBI ने कोर्ट से आनंद गिरि, आद्या प्रसाद और संदीप तिवारी का पालीग्राफी टेस्ट करने की इजाजत भी मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने मना कर दिया था। CBI ने 20 नवंबर 2022 को आरोप पत्र दाखिल किया था।
क्या है आरोप पत्र में?
CJM कोर्ट ने कहा था कि आप लोगों (आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी) ने महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या करने के लिए उकसाया था। यह कार्य साजिशन जिससे आहत होकर महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या कर ली। नरेंद्र गिरि की मृत्यु हो गई जो कि भारतीय दंड संहिता की धारा 306 सपठित 120 बी के अंतर्गत दंडनीय अपराध है, जो इस न्यायालय के प्रसंज्ञान में है। हालांकि तीनों आरोपितों ने आरोपों से इन्कार किया। न्यायालय से मांग किया कि परीक्षण कराया जाए। इसके बाद न्यायालय ने अभियोजन पक्ष को गवाहों को पेश करने का आदेश दिया था।