उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में बंद बाहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को लेकर एक राहत भरी खबर आई है। दरअसल, एक मामले में कोर्ट ने उसे बरी कर दिया है। पूरा का पूरा मामला 2009 का है जब मीर हसन नाम के शख्स ने हत्या के प्रयास का मामला मुख्तार अंसारी के खिलाफ दर्ज कराया था। इस मामले में गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने हत्या के प्रयास के मुकदमे में मुख्तार अंसारी को दोषमुक्त करार दिया है। इस केस में मुख्तार अंसारी पर साजिश रचने का आरोप लगाया गया था। साथ ही साथ मीर हसन ने सोनू यादव के खिलाफ हत्या के प्रयास का केस हुई दर्ज कराया था। आज किसी को लेकर गाजीपुर के एमपी एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई और मुख्तार अंसारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुआ।
यह फैसला मुख्तार अंसारी के लिए बड़ी खबर है। हालांकि, कृष्णानंद राय हत्याकांड मामले समेत कई मामलों में मुख्तार अंसारी को कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है। उसके खिलाफ पहले से ही 50 से अधिक मामले चल रहे हैं। वह जेल में बंद है। इसलिए इस केस में राहत मिलने के बाद भी मुख्तार अंसारी जेल से बाहर नहीं आ सकता। अप्रैल में जिले की एक अदालत ने गैंगस्टर से नेता बने पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर एक्ट के 14 साल पुराने एक मामले में 10 साल कैद और पांच लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। जबकि उसके बड़े भाई बसपा सांसद अफजाल अंसारी को चार साल की सजा और एक लाख रुपये का अर्थदंड लगाया है।
गौरतलब है कि अफजाल अंसारी गाजीपुर संसदीय क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद हैं। वहीं, मुख्तार अंसारी पड़ोसी जिले मऊ की मऊ सदर विधानसभा सीट से लगातार पांच बार विधायक रह चुके हैं। मुख्तार अंसारी ने 2022 में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था और उनकी सीट पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) से किस्मत आजमा रहे उनके बेटे अब्बास अंसारी विधायक चुने गए। मुख्तार अंसारी इस समय आपराधिक मामलों में बांदा की एक जेल में बंद हैं। अफजाल अंसारी सोमवार को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिये गए।