हैदराबाद: तेलंगाना स्टेट बोर्ड ऑफ इंटरमीडिएट एजुकेशन के 12वीं कक्षा के नतीजे ने बाल गृह में रह रही एक छात्रा के जीवन की कहानी को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है. करीब दो साल पहले छात्रा उस वक्त अपने घर से फरार हो गई, जब उसे पता चला कि उसके रिलेशनशिप की भनक उसके माता-पिता को लग गई है. हालांकि पुलिस जब छात्रा को बरामद कर घर ले आई तो उसके माता-पिता ने अपने साथ रखने से मना कर दिया. इसके बाद अधिकारियों ने बच्ची को बाल गृह भेज दिया, जहां उसने अपनी पढ़ाई जारी रखी. तेलंगाना स्टेट बोर्ड ऑफ इंटरमीडिएट एजुकेशन के 12वीं कक्षा के नतीजे पिछले हफ्ते घोषित होने तक छात्रा की यही कहानी थी.
माता-पिता ने नाबालिग छात्रा से घर लौटने को कहा
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक छात्रा ने कल्लम अंजी रेड्डी वोकेशनल जूनियर कॉलेज में अपनी कक्षा में टॉप करने के लिए 1,000 में से 945 अंक हासिल किए. उसने बातचीत करते हुए बताया, “एक या दो महीने पहले, मैंने अपने माता-पिता से बात करना शुरू किया. वे मेरे नंबर से खुश थे और मुझे घर लौटने के लिए कहा.” एक नाबालिग लड़की, जिसने प्यार के लिए घर छोड़ा और अब उसने 12वीं में टॉप किया है. भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स से प्रेरित होकर 16 साल की उम्र में एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहती है.
शेल्टर होम में इस बार 25 से अधिक बच्चों ने पास की 10वीं और 12वीं की परीक्षा
शहर में मौजूद सरकार आश्रय गृह में उम्मीदों की कई सारी कहानियां हैं. उन्हीं में एक और नाबालिग लड़की है, जिसने 7.8 सीजीपीए के साथ दसवीं की परीक्षा पास की है. वह अगले चार साल में सेना में भर्ती होना चाहती है. आश्रय गृह के 25 से अधिक अनाथ और अन्य बच्चे जिन्होंने इस वर्ष की एसएससी और इंटरमीडिएट परीक्षा में अच्छे नंबर पाए हैं. जिस छात्रा ने अपने स्कूल में टॉप किया है, उसने कहा, “मैंने वास्तव में नहीं सोचा था कि क्या मैं घर वापस जाऊंगी, मैं पहले बीकॉम करना चाहती हूं क्योंकि यह मुझे पढ़ाई करने और अकाउंटेंसी की साइड जॉब मिल सकती है. मैं कमाई शुरू करने के बाद घर वापस जाना चाहती हूं.”
शेल्टर होम के अभिभावकों ने की तारीफ
शेल्टर होम में उसके अभिभावकों ने कहा कि वह हमेशा स्मार्ट थी और परिवार की अस्वीकृति के आघात को कभी बाधा नहीं बनने दिया. उसने अपनी कक्षा 10 की अंतिम परीक्षा में पूर्ण अंक प्राप्त किए थे, लेकिन स्कूल से बाहर हो गई. क्योंकि उसे डर था कि वह अपने प्रेम को खो सकती है. नाबालिग छात्रा ने कहा, “मैं वास्तव में यह नहीं कह सकती कि अगर मैं अपने साथी के साथ होती तो मेरी पढ़ाई बंद हो जाती. वह जानता था कि मुझे गणित पसंद है और उसने मुझे प्रोत्साहित किया. लेकिन निश्चित रूप से, मुझे काम करना होगा और अकेले ही सब कुछ करना होगा,”