Long Trip on Bike: देश के हर युवा की बकेट लिस्ट में एक डेस्टिनेशन जरूर होता है. और वो है लेह लद्दाख की वादियों में बाइक ट्रिप. पहाड़ाें की ठंडी हवा और दिल को छू जाने वाले नजारों के साथ ही घुमावदार व खतरनाक रास्तों पर बाइक चलाने का मजा ही कुछ और है. लेकिन कई बार ये ट्रिप खतरनाक भी हो सकती है, आपके लिए भी और आपकी बाइक के लिए भी. इसलिए ये जानना जरूरी है कि मोटरसाइकिल को हम एक बार में कितने किलोमीटर चला सकते हैं.
मोटरसाइकिल के किलोमीटर के साथ ही आपके शरीर के लिए भी आराम जरूरी होता है इसलिए कितने किलोमीटर एक साथ मोटरसाइकिल चलाने के बाद आराम जरूरी है ये भी आपको जानना जरूरी है. इन बातों का ध्यान रख आप अपनी बाइक ट्रिप को मजेदार और सेफ बना सकते हैं. आइये जानते हैं कि किन बातों का रखना है ध्यान
कौन सी बाइक और कब लें ब्रेक
यदि आप 100 से 150 सीसी सेगमेंट की बाइक से ट्रिप पर जा रहे हैं तो इसे हर 50 से 70 किलोमीटर के बीच ब्रेक दें या फिर 1 घंटे की राइड के बाद इसे 5 मिनट के लिए बंद करें. इसका कारण है कि छोटा इंजन जल्दी गर्म होता है और ऐसे में मोटरसाइकिल के बंद होने की समस्या भी आ सकती है. साथ ही ज्यादा गर्म होने पर इंजन सीज हो सकता है.
वहीं 300 से 500 सीसी तक की बाइक को आप लगातार 150 किलोमीटर तक पहाड़ी रास्तों पर चला सकते हैं. हालांकि सीधी सड़क या किसी एक्सप्रेसवे पर ये ज्यादा दूरी तक भी चलाई जा सकती है. लेकिन पहाड़ी रास्तों पर लगातार पहले, दूसरे गियर में चलने के कारण इंजन पर लोड आता है और ये जल्दी गर्म हो जाता है.
दूसरी तरफ 600 सीसी या उससे ज्यादा पावर की मोटरसाइकिल को आप 200 किलोमीटर तक एक साथ आराम से चला सकते हैं. क्योंकि इतने पावरफुल इंजन के साथ एयर कूलिंग टेक्नोलॉजी की जगह एयर कूलिंग टेक्नोलॉजी, यानि रेडिएटर आ जाता है जो बाइक के इंजन को ठंडा रखता है. हालांकि एक साथ इतना लंबा सफर आपको थका सकता है.
आपके लिए ब्रेक लेना कब जरूरी
वैसे तो मोटरसाइकिल की लंबी यात्रा थकाने वाली हो सकती है लेकिन स्मार्टली ड्राइव करने पर ये आपको लाइफ टाइम एक्सपीरिएंस भी देगी. मोटरसाइकिल पर कभी भी लॉन्ग ट्रिप पर जाने के दौरान एक बार में ज्यादा से ज्यादा 100 किलोमीटर मोटरसाइकिल चलाएं. इसके बाद 10 मिनट का ब्रेक लें. बाइक को बंद कर के उतरें और बॉडी को स्ट्रैच करें. इस दौरान आप कुछ खाएं या फिर पानी और कोल्ड ड्रिंक पिएं जिससे आप डिहाइड्रेट न हों. ऐसा करने से बॉडी एक पोजिशन में काफी देर रहती है और बैक पेन जैसी समस्याएं हो सकती हैं. वहीं हाथों और पैरों में झंझनाहट भी महसूस हो सकती है.