कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जबरदस्त सफलता हासिल की है। कांग्रेस को 136 सीटें हासिल हुई हैं। कांग्रेस पूर्ण बहुमत हासिल करने के बाद अपने दम पर सरकार बनाने जा रही है। हालांकि, कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर फिलहाल चर्चा जारी है। कर्नाटक में मुख्यमंत्री किसे बनाया जाए, इसको लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता लगातार बैठक कर रहे हैं। फिलहाल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के घर पर एक बड़ी बैठक हो रही है। इस बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के अलावा राहुल गांधी भी मौजूद हैं। फिलहाल कर्नाटक में दो लोग मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल हैं। पहला नाम पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का है जो कल से ही दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं तो वही डीके शिवकुमार भी मुख्यमंत्री पद के लिए समय है और वह अब दिल्ली पहुंच गए हैं।
मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों की अपनी-अपनी दावेदारी है। ऐसे में कुछ विधायक भी आप दिल्ली पहुंच रहे हैं। माना जा रहा है कि विधायकों की राय के बाद नए मुख्यमंत्री का ऐलान किया जा सकता है। अगले कर्नाटक सीएम के लिए पार्टी में चल रही बातचीत के बीच कर्नाटक कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री के फैसले पर कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लेंगे। इसमें कोई देरी नहीं है, हम प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं। डीके शिवकुमार के भाई डीके सुरेश ने कहा कि कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी इस मुद्दे पर फैसला करेंगे। डीके शिवकुमार आज आ रहे हैं, उसके बाद एआईसीसी अध्यक्ष और अन्य नेता एक साथ बैठकर मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
रगे ने कर्नाटक में कांग्रेस विधायक दल का नेता चुनने के लिए वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे, जितेंद्र सिंह और दीपक बाबरिया को पर्यवेक्षक नियुक्त किया था। तीनों पर्यवेक्षकों ने पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों से अलग-अलग बात कर उनकी राय जानी थी और फिर उन्होंने खरगे को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। कांग्रेस विधायक दल की रविवार शाम बेंगलुरु के एक निजी होटल में हुई बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर पार्टी अध्यक्ष को विधायक दल का नेता चुनने का अधिकार दिया गया, जो कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री बनेगा। राज्य में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल करते हुए 135 सीट अपने नाम कीं, जबकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा नीत जनता दल (सेक्युलर) ने क्रमश: 66 और 19 सीट जीतीं।