अब पूरे ज्ञानवापी परिसर की कार्बन डेटिंग और ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (GPR) के द्वारा ASI (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) सर्वे कराने की मांग पर आज वाराणसी कोर्ट में दोपहर 2 बजे सुनवाई होगी। हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु जैन की तरफ से 6 वादी वाराणसी जिला न्यायालय में आज इससे जुड़ा केस दाखिल किया जा रहा है। विष्णु जैन ने इसकी जानकारी आज सुबह ट्वीट करके दी।
मंगलवार सुबह विष्णु जैन के साथ 4 वादियों ने काशी विश्वनाथ धाम के दर्शन किए। विष्णु जैन ने कहा कि केवल शिवलिंग वाली आकृति ही नहीं, बल्कि पूरे परिसर की साइंटिफिक जांच होगी, तो एक-एक सच्चाई बाहर निकलकर आएगी। भगवान आदि विश्वेश्वर के मंदिर को तोड़कर कब मस्जिद बनाई गई, तीन गुंबद के नीचे मंदिर के शिखर हैं और वेस्टर्न वाल की आदि जांच हो। पूरा परिसर हिंदू मंदिर का है।
मस्जिद के वेस्टर्न वाल के जांच की मांग कर रहे हैं। हाईकोर्ट ने ऑर्डर कर दिया है कि जब शिवलिंग का साइंटिफिक सर्वे किया जा सकता है तो फिर पूरे परिसर का भी सर्वे कराया जा सकता है। आज वाराणसी कोर्ट में यह याचिका चारो वादिनी महिलाओं, महंत शिव प्रसाद पांडेय और राम प्रसाद सिंह की ओर से दाखिल किया जाएगा।
GPR सर्वे में कुछ मिले तो हो खुदाई का आदेश
हिंदू पक्ष के साथ श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने पहुंचे विष्णु जैन ने कहा कि यदि ज्ञानवापी के पूरे परिसर में GPR सर्वे के बाद कोई विवादित स्थल के नीचे कोई चीजें मिलती हैं तो फिर खुदाई का आदेश दिया जाए। हमने बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन करके यह मांग की है कि पूरा परिसर गैर-कानूनी कब्जे से मुक्त हो। हमने आज नंदी के बगल से आदि विश्वेश्वर महादेव की पूजा की है।
मंदिर प्रूफ के लिए चाहिए जवाब
विष्णु शंकर जैन ने कहा है कि ज्ञानवापी को आदि विश्वेश्वर का मंदिर प्रूफ करने के लिए उन्हें कुछ सवालों का जवाब चाहिए। वैज्ञानिक ढंग से इन सवालों के जवाब कार्बन डेटिंग और GPR सर्वे से ही मिल सकेंगे। इसलिए कोर्ट में आज याचिका दी जाएगी।
मंदिर को धवस्त करके उसके ऊपर तीन गुंबद कब बनाए गए। ये तीनों कथित गुंबद का इतिहास क्या है ?
विवादित स्थल के जमीन के नीचे कौन सा सच छुपा हुआ है ?
ज्ञानवापी के वजूखाने में मिला कथित शिवलिंग स्वयंभू है या कहीं से लाकर यहां पर प्राण प्रतिष्ठा कराया गया है ?
शिवलिंग कितना पुराना है
22 मई को कोर्ट में पेश होंगे ASI के वकील
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी जिला अदालत के फैसले को पलटते हुए ज्ञानवानी परिसर में मिले कथित शिवलिंग के कार्बन डेटिंग का आदेश दे दिया था। अरविंद कुमार मिश्रा की पीठ ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) को आदेश दिया था कि शिवलिंग के अपर पार्ट का सर्वे करें। दस ग्राम से ज्यादा हिस्सा उसमें से न लिया जाए। हाईकोर्ट ने ASI के वकीलों से कहा है कि वाराणसी जिला कोर्ट के सामने 22 मई को पेश हों। इसके बाद जिला कोर्ट इस मामले में आगे आदेश देगा कि कैसे साइंटिफिक सर्वे होना है।