नई दिल्ली: वनडे वर्ल्ड कप 2003 खेलने के बाद वीरेंद्र सहवाग ना जाने किस धुन में थे. वीरू ने टीम मीटिंग में बोल दिया, कोच-वोच क्या होता है? इसकी कोई जरूरत नहीं होती. वैसे भी सहवाग के लिए न तो कोच के ही मायने थे और न ही पिच के. क्रीज पर पहुंचो, गेंदबाजों को कूटो, रन बटोरो और फिर सीटी बजाते हुए वापस पवेलियन में.
आईपीएल में बतौर खिलाड़ी करियर खत्म करने के बाद वीरेंद्र सहवाग पंजाब के मेंटॉर बनाए गए. जिस बात को वीरू खुद पसंद नहीं करते थे, वही काम उन्हें मिला तो क्या करें. उन्होंने पंजाब के खिलाड़ियों से कहा कि मैं मेंटॉर या कोच नहीं हूं. मैं भी एक खिलाड़ी हूं. देखता रहूंगा कि मैदान में क्या गलत करके आ रहे हो तुम लोग. एक मैच में मोहित शर्मा 4 ओवर में 44 रन लुटाकर आ गए. जब वह वीरेंद्र सहवाग के सामने पहुंचे तो थोड़ा नर्वस थे. वीरू बोले, चार रन कम खाते तो ठीक था. मोहित शर्मा को उस वक्त कुछ समझ नहीं आया.
मैच खत्म हुआ तो वीरेंद्र सहवाग ने मोहित शर्मा को अपनी थ्योरी समझाई. वीरू ने कहा, “अगर चार बॉलर 40 रन दें और एक बॉलर कुछ रन रोक ले तो 170-180 रन आईपीएल में कुछ भी नहीं हैं. मोहित को यह बात समझ आई और उनकी खुद की ग्लानि भी कुछ कम हुई.”
यह वह वीरेंद्र सहवाग हैं, जिन्होंने आईपीएल में 104 मैच खेले और 2728 रन बनाए. इसमें दो शतक और 16 अर्धशतक शामिल हैं. इन पारियों में वीरू ने 106 छक्के जड़े हैं. आईपीएल के मौजूदा सीजन में पंजाब किंग्स के प्रदर्शन की बात करें तो टीम ने 12 में 6 मैचों में जीत दर्ज की, जबकि 6 में हार का सामना करना पड़ा. शिखर धवन की टीम 12 प्वाइंट के साथ अंकतालिका में 8वें नंबर पर है