सीएम अशोक गहलोत ने एक बार फिर सियासी संकट में सरकार बचाने में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और कैलाश मेघवाल के सहयोग का जिक्र करके सियासी चर्चा छेड़ दी हैं। गहलोत ने मिलीभगत के सचिन पायलट के आरोपों पर पलटवार करते हुए तंज भी कसा है।
गहलोत ने कहा- मैंने कह दिया था कि हमारी सरकार को बचाने में वसुंधरा और कैलाश मेघवाल का सहयोग रहा है। उसका लोगों ने गलत मतलब लगा लिया। बचाने का अर्थ यह थोड़े ही है कि वसुंधरा ने कह दिया कि मैं आपकी सरकार के साथ खड़ी हूं।
साथ ही पायलट पर कहा- मैं 156 सीट लेकर आया था। मैंने कभी घमंड नहीं किया कि मैं लेकर आ गया हूं। गहलोत नागौर जिले के कुचामन सिटी में महंगाई राहत कैंप की सभा में शनिवार को बोल रहे थे।
गहलोत ने कहा- मेरी सरकार तो आपकी दुआओं से बच गई है। इन्होंने कोई कमी नहीं छोड़ी थी। मेरी सरकार बचने वाली नहीं थी। इतने बड़े-बड़े सौदे हुए थे। उस वक्त कैलाश मेघवाल ने स्टेटमेंट दिया कि राजस्थान में ऐसी कोई परंपरा नहीं रही है कि हॉर्स ट्रेडिंग से सरकार गिराई जाए।
कैलाश मेघवाल, भैरों सिंह शेखावत के खास थे। उन्होंने पुराना दौर देखा है। उन्होंने कहा कि खरीद-फरोख्त से सरकारों को पलटने की परंपरा हमारे नहीं रही है। ऐसे काम यहां नहीं होने चाहिए। ऐसा कोई स्टेटमेंट दिया था एमएलए, मुझे बताते थे।
राजे ने मुझे नहीं कहा था कि हमने आपकी सरकार बचा दी
गहलोत ने कहा- एमएलए ने मुझे बताया वसुंधरा राजे भी यही कह रही थी कि हमारे यहां हॉर्स ट्रेडिंग से सरकारी गिराने की परंपरा नहीं रही है। बस इतनी सी बात थी।
मैंने धौलपुर में इसका जिक्र कर दिया। वह सच्चाई थी, मैंने बता दी। राजे ने मुझे नहीं कहा था कि हमने आपकी सरकार बचा दी। उसका ऐसा माहौल बना दिया, जैसे कि मैं और वसुंधरा राजे मिले हुए हैं। हमारे तो 15 साल से आपस में टॉकिंग टर्म भी नहीं थे।
वसुंधरा राजे बदले की भावना से काम करती हैं, मैं प्यार मोहब्बत से काम करता हूं
गहलोत ने कहा- बीमारी में गलती से कॉल आ गया तो कोई बात नहीं। अभी लोगों ने बवंडर कर दिया कि हम लोग मिले हुए हैं। यह लोग बहुत खतरनाक लोग हैं।
आप हम सब को समझना होगा राजनीति में लड़ाई विचारधारा की है। नीतियों के कार्यक्रमों की है। वसुंधरा राजे बदले की भावना से काम करती हैं। मैं प्यार मोहब्बत से काम करता हूं। वसुंधर अफसरों को डराती धमकाती हैं। राजे हमारी सरकार के काम बंद कर देती हैं।
पायलट पर तंज, कहा- मैंने कभी घमंड नहीं किया कि मैं 156 सीट लेकर आया हूं
सीएम गहलोत ने पायलट पर इशारों में हमला बोलते हुए कहा- 1998 में मैं पहली बार मुख्यमंत्री बना। उस समय 1952 से राजनीति कर रहे भैरों सिंह शेखावत 32 सीटों पर आ गए थे। मैं 156 सीट लेकर आया था।
मैंने कभी नहीं कहा मैं लेकर आया। मैंने यही कहा कि सोनिया गांधी, हाईकमान और हमारी नीतियों, कार्यक्रम सिद्धांत की जीत हुई है। यह मैं हमेशा कहता रहा। मैंने कभी घमंड नहीं किया कि मैं लेकर आ गया हूं।
राठौड़ जैसे सलाहकार नहीं चाहते थे सीएम और पूर्व सीएम के बीच अच्छे संबंध रहें
गहलोत ने कहा- वसुंधरा राजे और हमारे तो बातचीत के संबंध भी नहीं थे। आज जो नेता प्रतिपक्ष हैं, राजेंद्र राठौड़ उनके सलाहकार थे। ये लोग चाहते ही नहीं थे कि मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के बीच में अच्छे संबंध रहे।
नेता प्रतिपक्ष राठौड़ भैरों सिंह के खास शिष्य थे, इन्होंने उनको भी धोखा दिया
गहलोत ने कहा- भैरों सिंह शेखावत के बाद वसुंधरा सीएम बन गई। उनके सीएम बनने के बाद मेलजोल का यह सिस्टम उनके सलाहकारों ने खत्म करवा दिया।
नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भैरों सिंह शेखावत के खास शिष्य थे, उनको भी इन्होंने धोखा दे दिया। ये वसुंधरा से चिपक गए। कभी उन्होंने बात भी नहीं करने दी।
भैरों सिंह शेखावत मुख्यमंत्री नहीं रहे। हमारे मंत्री गुलाब सिंह शक्तावत, प्रद्मुन सिंह सब उनके यहां आते जाते रहते थे। परसराम मदेरणा और कई नेता होली दीपावली भैरों सिंह से मिलन लेते थे। मैंने कभी एतराज नहीं किया।
मैंने भैरो सिंह शेखावत से कहा था कि आप सीएम हाउस खाली करने की जल्दबाजी मत करना
गहलोत ने कहा- 1998 में जब भैरों सिंह शेखावत हार गए। मैं मुख्यमंत्री बना। मैं शपथ लेते ही उनके घर गया। मैंने भैरों सिंह से कहा कि आपका स्वास्थ्य खराब है। जो डॉक्टर पहले देखते थे। वह देखते रहेंगे।आप कहोगे तो और अच्छी मेडिकल सुविधाएं दी जाएंगी।
राजेंद्र मिर्धा अपहरण कांड की वजह से वे आतंकवादियों के निशाने पर थे। मैंने उनको कहा था कि आपको पूरी सुरक्षा दी जाएगी। आप अगर कमी महसूस करो तो मुझे सूचना दे देना। मैंने उनसे यह भी कहा था कि जब तक आप सीएम हाउस में रहना चाहे रहें। सीएम हाउस खाली करने की जल्दबाजी करने की जरूरत नहीं है।
धौलपुर में शेखावत सरकार को गिराने की कोशिश का उदाहरण दिया था
गहलोत ने कहा- भैरों सिंह शेखावत के वक्त में उनकी पार्टी के लोग सरकार गिरा रहे थे। मैं उस समय प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष था। मैंने वहां पर धौलपुर में किस्सा बताया था। उस वक्त में मेरे पास बीजेपी के लोग आए थे, उन्होंने कहा था कि आप हमारा साथ दो हम मुख्यमंत्री बदल देंगे। मैंने उन्हें साफ मना कर दिया।
मैंने कहा कि भैरों सिंह शेखावत इलाज करवाने अमेरिका गए हैं। पीछे से तुम यह कर रहे हो। मैं साथ नहीं दूंगा।
मैंने कहा था यह सच्ची बात है। बलिराम भगत गवर्नर थे। उनको मालूम था। बाद में चोखी ढाणी में विधायकों को रखा गया। विधानसभा में पक्ष विपक्ष के बीच पुलिस की कतार खड़ी की, तब सरकार बची थी। जब मेरी सरकार को गिराने के लिए सब हो रहा था तो कैलाश मेघवाल ने स्टेटमेंट दिया कि हॉर्स ट्रेडिंग करके सरकार बदलने की परंपरा राजस्थान में नहीं रही है।