Mafia Dons of Uttar Pradesh: उमेश पाल ट्रिपल मर्डर से हलकान यूपी पुलिस ने जबसे 61 मोस्ट वॉन्टेड माफियाओं की ब्लैक-लिस्ट बनाकर जारी की है और उसके बाद पश्चिमी यूपी के खूंखार बदनाम नाम रहे अनिल दुजाना का जो अंत यूपी एसटीएफ ने किया है, उसे देखकर लिस्ट में शुमार बाकी बचे 60 मोस्ट वॉन्टेड माफिया पसीने से तर-ब-तर पड़े हैं. यह सभी 60 बदमाश इस वक्त सिर्फ और सिर्फ पुलिस और कानून के शिकंजे से खुद की जान बचाने को इधर से उधर भागे फिर रहे हैं.
इन्हीं में एक नाम है गोरखपुर के सफेदपोश माफिया डॉन सुधीर कुमार सिंह का. वही सुधीर कुमार सिंह जो कुछ महीने पहले तक अपनी जेब में हाईकोर्ट का ‘अरेस्ट स्टे ऑर्डर’ लेकर मौज लिया करता था. आइए जानते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पुलिस द्वारा ब्लैक लिस्ट में नामजद किए जाने के बाद अब किन बदतर हालातों में जिंदगी बसर करने को मजबूर है यह मोस्ट वॉन्टेड माफिया?
गुंडा-गैंगस्टर एक्ट के तहत भी मामला दर्ज
गोरखपुर पुलिस की मानें तो इसके खिलाफ गीडा, कैंट सहित तमाम थानों में मुकदमे दर्ज हैं. गीडा थाने के इस हिस्ट्रीशीटर के खिलाफ गुंडा-गैंगस्टर एक्ट के तहत भी पुलिस कानूनी एक्शन लिए बैठी है. इसके बाद भी जब यह काबू नहीं आया तो फिर प्रयागराज में हुए उमेश पाल ट्रिपल मर्डर के बाद यूपी पुलिस ने ऐसे 61 मोस्ट वॉन्टेड माफियाओं की एक ब्लैक लिस्ट बना डाली, जिसमें इस बेकाबू बदमाश को भी नामजद कर लिया गया
अब चार मई को पश्चिमी उत्तर के मेरठ में यूपी एसटीएफ ने जबसे और जिस तरह गोलियों से भूनकर इसी लिस्ट में शुमार अनिल दुजाना उर्फ अनिल नागर का नाम ‘डिलीट’ किया है, उससे इस माफिया डॉन की भी हालत खराब है. यह सोचकर कि न जाने मोस्ट वॉन्टेड की इस लिस्ट में शुमार अब अगला नंबर कब किसका आ जाए?
गोरखपुर के टॉप-10 मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में शामिल
माफिया डॉन सुधीर कुमार सिंह की क्राइम कुंडली पर नजर डालें तो यह गोरखपुर जिला पुलिस की टॉप-10 मोस्ट वॉन्टेड की लिस्ट में पहले से ही शुमार है. अब जब सूबे भर के मोस्ट वॉन्टेड माफियाओं की ब्लैक लिस्ट तैयार हुई तो उसमें भी इसका नाम दर्ज कर लिया गया. किसी जमाने में देवरिया पुलिस द्वारा जिला-बदर (तड़ीपार) घोषित किए जाने के बाद भी यह बदमाश काबू नहीं आया. पुलिस और कानून पर रौब गांठने की मैली हसरत में ही यह कालांतर में पिपरौली ब्लॉक का प्रमुख भी बन चुका है.
पुलिस से भी हो चुकी है मुठभेड़
बाद में इसने चुनाव में अपनी पत्नी को उतार दिया. पत्नी की दावेदारी को जिला प्रशासन ने खारिज कर दिया था तो सुधीर कुमार सिंह तिलमिलाकर रह गया था. बात अगर इसके मास्टरमाइंड बनने की करें तो जून 2021 में इसका आमना-सामना पुलिस से हो गया था. दोनों ओर से गोलियां चलीं. उस गोलीकांड में पुलिस ने इसे गिरफ्तार कर लिया था. इसके कब्जे से इसके तब पिस्तौल और जिंदा कारतूस मिले थे. उस गिरफ्तारी में गीडा इंस्पेक्टर दिनेश दत्त मिश्रा ने इसके खिलाफ थाना गीडा में मुकदमा कायम कराया था. हत्या की कोशिश, सरकारी कामकाज में बाधा डालने, पुलिस पार्टी पर हमला करने और शस्त्र अधिनियम के तहत.
चचेरी बहन की शादी में हाईकोर्ट का स्टे ऑर्डर लेकर पहुंचा
माफिया सुधीर कुमार सिंह मूल रूप से गोरखपुर जिला के गीडा स्थित कालेसर का रहने वाला है. गोरखपुर पुलिस के मुताबिक जिला-बदर कर दिए जाने के बाद भी 25 मई 2021 को यह चचेरी बहन की शादी में शिरकत करने पहुंचा था. पुलिस ने जैसे ही इस मोस्ट वॉन्टेड माफिया को गिरफ्तार करने की कोशिश की तो मास्टरमाइंड बदमाश ने पुलिस पार्टी को अपनी जेब में पहले से ही मौजूद, इलाहाबाद हाईकोर्ट से ‘गिरफ्तारी पर स्टे ऑर्डर’ थमा दिया. लिहाजा पुलिस ने उसकी तीन लग्जरी कारें सीज करके तसल्ली कर ली.
10 करोड़ की प्रॉपर्टी की गई थी सील
मोस्ट वॉन्टेड माफिया, पिपरौली के पूर्व सफेदपोश ब्लॉक प्रमुख को काबू करने के लिए सूबे की सरकार ने कोई उपाय अमल में लाने से बाकी नहीं छोड़ा है. फिर चाहे बीते साल उसकी 10 करोड़ की प्रॉपर्टी सील करने का मुद्दा हो या फिर कारें, बैंक खाते सीज करने की बात. बीते साल ही जिलाधिकारी के निर्देश पर तहसीलदार सदर और सहजनवां ने इसके दो मकान, जमीनें, गाड़ियों को कब्जे में लेकर सील कर दिया था.
करीब 38 आपराधिक केस सुधीर सिंह पर
इसके चार बैंक खाते भी सीज किए गए थे. फिर भी करीब 35-38 आपराधिक मामले अपने सिर पर लादे घूम रहा, माफिया डॉन सुधीर कुमार सिंह है कि मानता ही नहीं है. इसीलिए अब इसका नाम उस ब्लैक लिस्ट में भी शुमार कर दिया गया है, जिसमें दर्ज नाम वालों को एक-एक कर यूपी पुलिस निपटा रही है. अभी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन अनिल दुजाना निपटाया गया है. गोरखपुर पुलिस के मुताबिक, इसकी शाहपुर में एक एल्यूमिनियम फैक्टरी भी थी. उसे भी कानूनी कब्जे में लिया जा चुका है.