केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने रविवार को कहा कि होम्योपैथी जटिलतम रोगों के निदान का एक कारगर उपाय है और इस पर अधिक से अधिक अनुसंधान होने चाहिए। यहां प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ राष्ट्रीय होम्योपैथिक सम्मेलन ‘होम्योकॉन-2023’ का उद्घाटन करने के बाद चौबे ने कहा कि होम्योपैथी देश की परंपरागत चिकित्सा पद्धति रही है। उपभोक्ता मामले, खाद्य और जन वितरण राज्य मंत्री चौबे ने कहा कि चिकित्सा की इस पद्धति में जटिलतम रोगों का निदान है और इस पर अधिक से अधिक अनुसंधान होने चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘आयुष और योग के क्षेत्र में भारत की वैश्विक स्तर पर अलग पहचान है। इनको हमें अधिक से अधिक बढ़ावा देना होगा।’’ उत्तराखंड को आयुष का प्रेरक बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि धामी के नेतृत्व में राज्य ने होम्योपैथी और आयुष को तेजी से आगे बढ़ाने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर होम्योपैथी के जनक सैमुअल क्रिश्चियन हैनिमैन का स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने एक ऐसी उपचार पद्धति विकसित की जो अत्यंत कारगर होने के साथ ही किफायती भी थी। उन्होंने कहा, ‘‘शरीर ही सारे कर्तव्यों को पूर्ण करने का एकमात्र साधन है। इसलिए इसकी रक्षा करना और उसे निरोगी बनाये रखना मनुष्य का सर्वप्रथम कर्तव्य है।’’ धामी ने कहा कि जीवन शैली में तेजी से हो रहे बदलाव में शरीर का ख्याल रखना और भी आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने योग, आयुर्वेद और होम्योपैथी जैसी तमाम प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धतियों के विलुप्त होते वैभव को पुनः प्राप्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उठाए गए कदमों सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड में आयुष चिकित्सा को मुख्यधारा में लाने और प्रदेश को आयुष प्रदेश के रूप में स्थापित करने के लिए कृत संकल्पित है। इस अवसर पर होम्योपैथी पर बने वृत्तचित्र को जारी किया गया तथा होम्योपैथी के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले चिकित्सकों को सम्मानित भी किया गया।