मुंबई: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), बंबई के छात्र दर्शन सोलंकी के पिता रमेश सोलंकी ने बृहस्पतिवार को कहा कि मुंबई पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) को मामले में जाति आधारित भेदभाव के पहलू से जांच करनी चाहिए। अहमदाबाद के रहने वाले और बीटेक (रसायन) प्रथम वर्ष के छात्र दर्शन सोलंकी ने अपनी सेमेस्टर परीक्षा खत्म होने के एक दिन बाद 12 फरवरी को उपनगर पवई में आईआईटी बंबई परिसर में एक होस्टल की इमारत की सातवीं मंजिल से कथित तौर पर कूदकर आत्महत्या कर ली थी। सोलंकी तथा उनके परिवार के सदस्यों के साथ मुंबई विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति तथा सांसद भालचंद्र मुंगेकर ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन किया।
रमेश सोलंकी ने कहा कि एसआईटी (विशेष जांच दल) को दर्शन के होस्टल के कमरे में मिले कथित सुसाइड नोट के आधार पर ही जांच नहीं करनी चाहिए बल्कि दर्शन के साथ हुए जातिगत भेदभाव की भी जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हमने सभी संबंधित सबूत एसआईटी अधिकारियों को सौंप दिए हैं।’’ मामले में होस्टल के कमरे में दर्शन के साथ रहने वाले एक छात्र को कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए गिरफ्तार किया गया। वह अभी जमानत पर बाहर है। इससे पहले, दर्शन के परिवार के सदस्यों के साथ एक सहपाठी ने पुलिस को दर्शन की जाति के कारण उसके कथित उत्पीड़न के बारे में बयान दर्ज कराए थे।
दर्शन के पिता ने आरोप लगाया कि वह कमरे में रहने वाले अन्य छात्रों के उत्पीड़न के कारण किसी दूसरे कमरे में रहना चाहता था। उन्होंने यह भी दावा किया कि कथित सुसाइड नोट उनके बेटे ने नहीं लिखा था। डॉ. मुंगेकर ने कहा, ‘‘हमें लगता है कि दर्शन सोलंकी की आत्महत्या की प्रमुख वजह आईआईटी बंबई तथा अन्य जगह व्याप्त जाति आधारित भेदभाव थी।