Pakistan: सियासत और गिरफ्तारी, इमरान खान पहले नहीं, 7 पूर्व PM पर गिरी चुकी है गाज

Pakistan: सियासत और गिरफ्तारी, इमरान खान पहले नहीं, 7 पूर्व PM पर गिरी चुकी है गाज

भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान इन दिनों दाने-दाने को तो मोहताज पहले से ही था। अब हिंसा की आग भी उसे झुलसा रही है। आर्थिक संकट में घिरे पाकिस्तान में सियासी ड्रामा भी अपने चरम पर पहुंच गया जब क्रिकेटर से सियासतदां और फिर मुल्क के प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने वाले राजनेता इमरान खान को वहां की पुलिस धक्का देते हुए ले गई। फिर क्या था पाकिस्तान की सेना और इमरान की पार्टी तहरीक ए इंसाफ पार्टी के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए। दंगों की आग से पूरा देश झुलस उठा है। लेकिन आपको बता दें कि पाकिस्तान बनने से लेकर आज तक उसके शासक या पूर्व शासकों की गिरफ्तारी की कहानी बहुत पुरानी है। 

इससे पहले भी पूर्व प्रधानमंत्रियों पर गिरी है गाज 

हुसैन शहीद सुहरावर्दी 

1956 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनते ही राष्ट्रीय रेडियो पे एलान किया कि वह पाकिस्तान में एक बडी सेना बनाएगे जिसके माध्यम से वह भारत के खिलाफ हथियार उठाने का वादा किया। इतने वादे करने के बाद,वह प्रधानमंत्री कुर्सी पर सिर्फ 13 महिनो तक टिक पाए।  उन्होंने जनरल अयूब खान की सरकार की जब्ती का समर्थन करने से इनकार कर दिया था। जनवरी 1962 में उन्हें पाकिस्तान अधिनियम 1952 के तहत राज्य विरोधी गतिविधियों के मनगढ़ंत आरोपों पर बिना मुकदमे के ही कराची की सेंट्रल जेल में गिरफ्तार कर लिया गया और एकांत कारावास में डाल दिया गया। 

जुल्फिकार अली भुट्टो 

जुल्फिकार अली भुट्टो एक विचारक के साथ-साथ कश्मीर के लिए हुए 1965 के युद्ध के एक अहम नेता भी थे। ऑपरेशन गिब्राल्टर और ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम बुरी तरह से असफल हुए, जिसने यह साफ कर दिया कि जम्मू और कश्मीर में सीज फायर लाइन पर एक इंच भी जमीन इधर से उधर नहीं हुई। 1973 में भुट्टो ने पाकिस्तान को उसका नया संविधान दिया। वही संविधान, जो आज भी वहां चल रहा है। जिन जिया-उल-हक को भुट्टो ने अपना आर्मी चीफ बनाया था, उन्होंने ही भुट्टो की गद्दी छीन ली। ये हुआ 4 और 5 जुलाई, 1972 की दरम्यानी रात को। पाकिस्तान रात को जब सोया, तो लोकतंत्र था। अगली सुबह जगा, तो मालूम हुआ कि सेना का राज फिर लौट आया है। भुट्टो न केवल सत्ता से बेदखल हुए, बल्कि उन्हें जेल भी भेज दिया गया। अक्टूबर, 1977 में जुल्फिकार अली भुट्टो के खिलाफ हत्या का मुकदमा शुरू किया गया। उन्हें फांसी की सजा मिली। अप्रैल, 1979 में रावलपिंडी जेल में उन्हें फांसी से लटका दिया गया।

बेनजीर भुट्टो

जुल्फिकार अली भुट्टो और उनकी दूसरी बीवी नुसरत की चार औलादों में से एक बेनजीर भुट्टो। जब पाकिस्तान में ज़िया के खिलाफ विरोध तेज हुआ, तो 1986 में बेनजीर पाकिस्तान लौट आईं। अगस्त 1986 में स्वतंत्रता दिवस पर कराची में एक रैली में सरकार की निंदा करने के लिए बेनजीर भुट्टो को गिरफ्तार कर लिया गया था।  16 नवंबर, 1988 को चुनाव हुए। नेशनल असेंबली के चुनाव में बेनजीर की पार्टी पीपीपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। 27 दिसंबर, 2007 की तारीख थी, जब 15 साल के खुदकुश हमलावर ने एक धमाका किया और बेनज़ीर की मौत हो गई।

नवाज शरीफ

1999 में जनरल परवेज मुशर्रफ द्वारा नवाज शरीफ की लोकतांत्रिक सरकार का तख्ता पलट कर दिया था। उन्होंने देश के संविधान को सस्पेंड कर दिया था। सितंबर 2017 में नवाज शरीफ पाकिस्तान लौट आए। इस्लामाबाद लौटने पर हवाई अड्डे को सील कर दिया गया और नवाज को उनकी वापसी के कुछ घंटों के भीतर गिरफ्तार कर लिया गया। उनके 10 साल के तीन निर्वासन वर्षों को पूरा करने के लिए सऊदी अरब भेज दिया गया। 

शाहिद ख़ाक़ान अब्बासी

पाकिस्तान मुस्लिम लीग के अब्बासी ने 1 अगस्त 2017 से 18 अगस्त 2018 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का पद संभाला था। उन्हें 19 जुलाई 2019 को एनएबी की 12 सदस्यीय टीम ने 2013 में जब वो पेट्रोलियम और प्राकृतिक संसाधन मंत्री थे तो एलएनजी के लिए अरबों रुपये के आयात अनुबंध देने के दौरान कथिक भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया था। 

शहबाज शरीफ

पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) (पीएमएल-एन) के वर्तमान अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने तीन बार पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया, जिससे वे पंजाब के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्री बने। दिसंबर 2019 में, राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए शहबाज और उनके बेटे हमजा शरीफ की 23 संपत्तियों को फ्रीज कर दिया। 28 सितंबर 2020 को एनएबी ने शहबाज को लाहौर उच्च न्यायालय में गिरफ्तार किया और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में आरोपित किया। करीब सात महीने बाद उन्हें लाहौर की कोर्ट लखपत सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया था। 

इमरान खान

पाकिस्तान में शहबाज शरीफ की सरकार आने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर 121 केस दर्ज हो चुके हैं। इनमें देशद्रोह, ईशनिंदा, हिंसा फैलाना और आतंकवाद के मामले भी शामिल हैं। मार्च 2023 में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए दो अलग-अलग गिरफ्तारी वारंट भी जारी किए गए थे, जब उन्होंने एक न्यायाधीश को कथित धमकियों और तोशाखाना उपहारों से संबंधित मामलों में कार्यवाही छोड़ दी थी। इमरान को 9 मई को देश के अर्धसैनिक बलों ने उस समय गिरफ्तार कर लिया था, जब वह भ्रष्टाचार के एक मामले में सुनवाई के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में मौजूद थे। 


 49rtlh
yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

Leave a Reply

Required fields are marked *