जयपुर: आईपीएल मुकाबलों को लेकर इस बार एक के बाद एक विवाद सामने आ रहे हैं. इन्हीं विवादों के बीच जयपुर में आईपीएल मैचों के आयोजन होते रहे. 19 अप्रैल से पहले मैच की शुरूआत से लेकर पांचवें मैच तक भी आयोजकों की अलग-अलग संस्थाओं के साथ विवाद खत्म नहीं हुए हैं. राजस्थान रॉयल्स, आरसीए, खेल परिषद और नगर निगम के बीच आए दिन तनातनी देखी जा रही है. अब इन सबके बाद बीसीसीआई की नाराजगी सामने आई है.
राजस्थान में तीन साल के इंतजार के बाद आईपीएल मैचों के आयोजन हो रहे हैं. इसके चलते क्रिकेट प्रेमियों में मैच को लेकर भारी उत्साह नजर आया. दर्शकों को जहां लंबे समय के बाद राजस्थान रॉयल्स और विरोधी टीमों के फेवरेट क्रिकेटर्स को खेलते देखने का मौका मिला, वहीं विवादों के अखाड़े में राजस्थान रॉयल्स, आरसीए, खेल परिषद, नगर निगम के बीच नूरा कुश्ती भी देखने को मिली. यानि क्रिकेट से पहले कंट्रोवर्सीज ने दर्शकों के लिए हर वक्त आफत खड़ी की है. संशय बना रहा कि जिस मैच को देखने के लिए उन्होंने टिकट खरीदी है, वह होगा या नहीं.
सबसे पहले मैच में 19 अप्रैल को खेल मंत्री अशोक चांदना ने वेस्ट साइड में किए गए अतिक्रमण पर सवाल खड़े किए. विवाद इस कदर बढ़ा कि सीएम तक शिकायत पहुंची और इसके बाद खेल परिषद और खेल विभाग के बीच टिकट के बंटवारे के साथ विवाद ठंडा हुआ. कुछ शर्तें राजस्थान रॉयल्स ने पूरी कीं. अगले मैच से पहले 21 अप्रैल को आरसीए में पदाधिकारियों के बीच एक्रिडिटेशन को लेकर विवाद बढ़ गया था. पूर्व क्रिकेटरों को पास न दिए जाने से नाराजगी सामने आई. खेल परिषद के कर्मचारियों ने पास न मिलने पर हंगामा मचा दिया. यहां तक कि खेल परिषद के उपाध्यक्ष सतवीर चौधरी परिषद के अधिकारियों पर ही टिकट ब्लैक करने के आरोप लगा दिए. आरसीए और रॉयल्स पर सीजीएसटी की कार्रवाई के दौरान करोड़ो रुपए के जीएसटी इनपुट का मामला उजागर हुआ. नगर निगम कमेटी चेयरमेन ने मैचों के दौरान भारी अव्यवस्थाओं की शिकायतों की रिपोर्ट तैयार की.
राजस्थान रॉयल्स मैनेजमेंट पर शर्तों के उल्लंघन का आरोप
मामला यहां भी थमा नहीं जयपुर में आखिरी मैच 14 मई को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलूर और राजस्थान रॉयल्स के बीच खेला जाने वाला हैं. इससे पहले यह अंर्तकलह फिर देखने को मिली जब राजस्थान सरकार के यूथ बोर्ड उपाध्यक्ष सुशील पारीक ने राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ अनियमितता और भ्रष्टाचार के आरोप लगते हुए लीगल नोटिस भेजा है. यूथ बोर्ड उपाध्यक्ष सुशील पारीक ने कहा कि आईपीएल मैच के दौरान राजस्थान रॉयल्स मैनेजमेंट ने न सिर्फ आरसीए के साथ हुए एमओयू की शर्तों का उल्लंघन किया है. साथ ही राजस्थान की जनता को भी ठगने का काम किया है. उन्होंने कहा कि मैच के दौरान टिकट से लेकर पानी तक हर चीज की कालाबाजारी की जा रही है. वहीं दूसरी ओर एसएमएस स्टेडियम में बने यूथ बोर्ड के ऑफिस में कर्मचारियों को ही नहीं घुसने दिया जाता है. इतना ही नहीं एसएमएस स्टेडियम में किराए के बाउंसर सरकार के मंत्री को घुसने से रोक देते हैं, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसलिए मैंने राजस्थान रॉयल्स प्रबंधन, स्पार्क इवेंट कंपनी और रॉयल किंग सिक्योरिटी कंपनी को लीगल नोटिस भेजा है. टिकटों के ब्लैक होने से लेकर पार्किंग में चार गुने दाम वसूलने पर भी उन्होंने आरआर को निशाने पर लिया.
आरआर से जुड़ी इवेंट कंपनी को लेकर विवाद
आरसीए पर नहीं लेकिन राजस्थान रॉयल्स और उससे जुड़ी इवेंट कंपनी एस स्पार्क पर सभी ने आरोप लगाए हैं. इस इवेंट कंपनी के संचालक जोधपुर के राजीव खन्ना राजस्थान रॉयल्स में भी लंबे समय से उपाध्यक्ष हैं. इस कंपनी के जरिए वह क्रिकेट से जुड़ी कई इवेंट्स और गतिविधियों में सक्रिय रहते हैं. सोशल मीडिया पर भी कई नेताओं के साथ इनकी तस्वीरें छाई रहती हैं. हालांकि सभी विवाद और झगड़ों में राजस्थान रॉयल्स और एस स्पार्क पर निशाना साधने के बाद राजीव खन्ना ने अपना पक्ष रखते हुए साफ कहा कि पासेज के लिए उन्हें निशाना बनाया गया. यदि ऐसा ही रवैया रहा तो फिर जयपुर से आईपीएल मैचों की मेजबानी छिन जाने का खतरा है और इसकी जिम्मेदारी उनकी नहीं बल्कि दबाव बनाने वाले लोगों की होगी. टिकटों के ब्लैक होने से लेकर हरेक विवाद पर राजीव खन्ना से हमने सवाल किए जिस पर उनका यह कहना था कि उन्हें भी इस मामले की सूचना मिलने पर उन्होंने पुलिस को अलर्ट किया हैं.
बीसीसीआई की नाराजगी पड़ेगी भारी
बहरहाल आईपीएल मैचों के आयोजन में विवादों का बखेड़ा नई बात नहीं है. पासेज से लेकर टिकटों की एक बड़ी वजह इन विवादों के पीछे रही है. तो वहीं अव्यवस्थाओं के बाद भी उन्हीं लोगों को हर बार यह जिम्मेदारी सौंपना भी कहीं ना कहीं आरसीए और राजस्थान रॉयल्स की मंशा इन विवादों को तूल देना दिखाता हैं, लेकिन इन तमाम कंट्रोवर्सीज पर बीसीसीआई की नाराजगी यदि भारी पड़ी तो क्रिेकट प्रेमियों को मैच छिन जाने से जरूर निराशा झेलनी पड़ सकती हैं. इसके जिम्मेदार कौन होंगे इसका अंदाजा आप बखूबी लगा सकते हैं.