Delhi Govt vs LG case Verdict : दिल्ली के अफसरों पर कौन करेगा राज? सुप्रीम कोर्ट में फैसला आज

Delhi Govt vs LG case Verdict : दिल्ली के अफसरों पर कौन करेगा राज? सुप्रीम कोर्ट में फैसला आज

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार बनाम उपराज्यपाल के बीच टकराव का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार मांग रही दिल्ली सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ आज अपना फैसला सुनाएगी. संविधान पीठ में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ यह तय करेगी की दिल्ली और केंद्र सरकार के बीच सर्विसेज का कंट्रोल किसके हाथ में होगा. सुप्रीम कोर्ट ने 18 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था.

केंद्र ने संविधान पीठ को मामले की सुनवाई करने की दी थी दलील

दरसअल दिल्ली में प्रशासनिक सेवाएं किसके नियंत्रण में होंगी, इस पर सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच ने 14 फरवरी 2019 को एक फैसला दिया था लेकिन, उसमें दोनों जजों का मत फ़ैसले को लेकर अलग अलग था. लिहाजा फैसले के लिए तीन जजों की बेंच गठित करने के लिए मामले को चीफ जस्टिस को रेफर कर दिया गया था. इसी बीच केंद्र ने दलील दी थी कि मामले को और बड़ी बेंच यानी संविधान पीठ को भेजा जाए.

दो जजों के फैसले अलग-अलग थे

4 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल बनाम दिल्ली सरकार विवाद में कई मसलों पर फैसला दिया था, लेकिन सर्विसेज यानी अधिकारियों पर नियंत्रण जैसे कुछ मुद्दों को आगे की सुनवाई के लिए छोड़ दिया था, जिसके बाद 14 फरवरी 2019 को इस मसले पर 2 जजों की बेंच ने फैसला दिया था, लेकिन दोनों न्यायमूर्तियों, जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण का निर्णय अलग-अलग था. इसके बाद मामला 3 जजों की बेंच के सामने लगा. फिर केंद्र के कहने पर आखिरकार चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने मामला सुना.

दिल्ली सरकार की दलील

दिल्ली सरकार ने दलील दी कि 2018 में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ कह चुकी है कि भूमि और पुलिस जैसे कुछ मामलों को छोड़कर बाकी सभी मामलों में दिल्ली की चुनी हुई सरकार की सर्वोच्चता रहेगी यानी नियंत्रण सरकार का रहेगा. वहीं केंद्र सरकार ने कहा था कि गवर्नमेंट ऑफ एनसीटी ऑफ दिल्ली एक्ट में किए गए संशोधन से स्थिति में बदलाव हुआ है. दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है. यहां की सरकार को पूर्ण राज्य की सरकार जैसे अधिकार कतई नहीं दिए जा सकते. केंद्र सरकार ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार राजनीतिक करने के लिए लगातार विवाद की स्थिति बनाए रखना चाहती है.


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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