महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट पर सुप्रीम कोर्ट कल फैसला सुना सकता है। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि पीठ कल दो फैसले सुनाएगी। मार्च में, सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ ने 2022 के महाराष्ट्र राजनीतिक संकट के संबंध में दायर याचिकाओं के एक बैच पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। संकट एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट का शिवसेना से अलग होकर शुरू हुआ। इस कारण उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई और शिवसेना का विभाजन हो गया। बाद में एकनाथ शिंदे गुट ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली। एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बन गए।
उद्धव ठाकरे गुट के नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। संविधान का पालन करने से ही देश को फायदा होगा। वहीं, महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नारवेकर ने एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले बुधवार को कहा कि मौजूदा राज्य सरकार के पास बहुमत है, चाहे कोई भी फैसला आए। उन्होंने कहा कि मेरे स्पीकर बनने के बाद, यह सरकार बहुमत परीक्षण में सफल रही। संख्या बल के हिसाब से देखें तो इस सरकार के पास बहुमत है, चाहे कोई भी फैसला आए। नारवेकर ने मंगलवार को कहा था कि विधायकों की अयोग्यता के संबंध में निर्णय विधानसभा अध्यक्ष का विशेषाधिकार है।
नारवेकर मुंबई से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर विधायक चुने गए थे। उन्होंने जुलाई 2022 में पहली बार विधानसभा अध्यक्ष के रूप में शपथ ली थी। पिछले साल जून में शिंदे और 39 विधायकों ने शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी। इसके परिणामस्वरूप पार्टी टूट गई थी और ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी सरकार (जिसमें राकांपा और कांग्रेस भी शामिल हैं) गिर गई थी। शिंदे ने बाद में महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा के साथ गठबंधन किया। शिंदे ने 30 जून, 2022 को मुख्यमंत्री जबकि भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।