रमीज राजा की लगाई आग बुझा ना सके नजम सेठी, 15 साल बाद मिला मौका गंवाया, चौतरफा घिर गया पाकिस्‍तान

रमीज राजा की लगाई आग बुझा ना सके नजम सेठी, 15 साल बाद मिला मौका गंवाया, चौतरफा घिर गया पाकिस्‍तान

नई दिल्‍ली: पाकिस्‍तान क्रिकेट बोर्ड के लिए सोमवार की तपती दोपहर कुछ ज्‍यादा ही गर्म साबित हुई. एशियन क्रिकेट काउंसिल (एसीसी) से निकली खबर ने पीसीबी चेयरमैन नजम सेठी के पसीने से तरबतर कर दिया. पीटीआई ने एसीसी सूत्रों के हवाले से बताया कि पाकिस्‍तान से एशिया कप 2023 की मेजबानी छीन ली गई है. टूर्नामेंट को श्रीलंका में शिफ्ट किए जाने की तैयारी है. इस फैसले में बांग्लादेश और श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई के साथ खड़े हैं.

एशिया कप के इतिहास में यह दूसरा मौका था जब पाकिस्‍तान को टूर्नामेंट की मेजबानी का मौका मिला. 2008 में आखिरी बार टूर्नामेंट आयोजित करने वाले पीसीबी के लिए ये बड़ी मुराद पूरी होने जैसा था. पाकिस्‍तान में इंटरनेशनल क्रिकेट को फ‍िर से जिंदा करने की कोशिशों में लगा पीसीबी टीमों को मुल्‍क में लाने के लिए हर जतन करने को तैयार था. हालांकि, टी20 वर्ल्ड कप 2022 के दौरान बीसीसीआई सचिव जय शाह ने टीम इंडिया को पाकिस्‍तान भेजने से इनकार कर दिया. उन्‍होंने पाकिस्‍तान के मौजूदा हालात और सुरक्षा को इसकी वजह बताया.

भारत के इस ऐलान से बौखलाए तत्कालीन पीसीबी चीफ रमीज राजा ने वनडे वर्ल्ड कप 2023 के लिए भारत ना आने की धमकी दे डाली. कुछ दिनों बाद पाकिस्तान क्रिकेट में भी राजनीति की तरह तख्‍तापलट हुआ और नजम सेठी पीसीबी के चीफ बने. हालांकि, उन्‍होंने भी एशिया कप को न्यूट्रल वेन्यू पर ना करवाने की जिद्द पकड़े रखी. धमकियों और चौतरफा हाथ पैर मारने के बाद बात बनती न देख नजम सेठी ने हाइब्रिड मॉडल का शिगूफा छोड़ा. इसके मुताबिक, टूर्नामेंट में भारत के मुकाबले न्यूट्रल वेन्यू पर होने थे और बाकी के सारे मैच पाकिस्तान में.

हाइब्रिड मॉडल को क्‍यो नहीं मिली मंजूरी?

एसीसी सूत्र के मुताबिक, यह सिर्फ पाकिस्तान की मेजबानी के बारे में नहीं है. टूर्नामेंट में भारत और पाकिस्तान एक ग्रुप में है और ऐसे में तीसरी टीम को पाकिस्‍तान से किसी दूसरे मुल्‍क के बीच सफर करना होगा, जो सही नहीं है. प्रसारकों के लिए भी यह खर्च बढ़ाने वाला सौदा साबित होगा.

श्रीलंका सबसे फेवरेट क्‍यों?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एशिया कप की मेजबानी के लिए यूएई के साथ ओमान ने भी पेशकश की थी. हालांकि, इन दोनों ही मुल्‍कों में सितंबर में गर्मी चरम पर होती है. चूंकि एशिया कप के एक महीने बाद ही वनडे वर्ल्‍ड कप होना है, ऐसे में कोई भी क्रिकेट बोर्ड खिलाड़ियों को लेकर रिस्‍क नहीं लेना चाहता है. पिछले अनुभव भी संयुक्‍त अरब अमीरात के खिलाफ गए. दरअसल, एशिया कप 2018 की मेजबानी यूएई ने ही की थी. टूर्नामेंट के दौरान बेतहाशा गर्मी की वजह से खिलाड़ियों को परेशानी का सामना करना पड़ा. इसी दौरान हार्दिक पंड्या को भी इंजरी हुई थी. यूएई में हुए आईपीएल 2020 में भी प्‍लेयर्स को मौसम की मार सहनी पड़ी थी. दूसरी तरफ, श्रीलंका में सितंबर में मॉनसून का सीजन रहता है. ऐसे में कम बारिश वाले डांबुला और पल्लेकल टूर्नामेंट के लिए बेहतर वेन्‍यू साबित हो सकते हैं. इन दो शहरों के बीच की दूरी भी बहुत ज्‍यादा नहीं है. 2022 में हुए एशिया कप का मेजबान श्रीलंका ही था.

अब क्‍या करेगा पाकिस्‍तान?

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पाकिस्‍तान एशिया कप का बॉयकाट कर सकता है. ऐसे में भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और नेपाल की टीमों के बीच टूर्नामेंट होगा है. हालांकि, बड़ा सवाल भारत में अक्‍टूबर-नवंबर में होने वाले वनडे वर्ल्‍ड कप को लेकर है. पीसीबी भले ही अभी शेखी बघारे लेकिन, टूर्नामेंट से किनारा करना उसके लिए आसान नहीं होगा. इंटनेशनल क्रिकेट में पुरानी धमक पाने की ख्‍वाहिश रखने वाले पाकिस्‍तान को ऐसा करने पर आईसीसी से भी मुखालफत भी लेनी होगी. पाकिस्‍तान सुपर लीग की कमाई से पीसीबी चेयरमैन नजम सेठी कुछ दिन तो रोजी-रोटी चला सकते हैं, लेकिन आखिर में उन्‍हें आईसीसी की शरण में ही जाना होगा.


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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