फोन हमारे लिए कई काम बहुक आसान कर देता है. लेकिन ये भी किसी से नहीं छुपा है कि फोन हमारी सेहथ के लिए किस कदर खतरनाक है. इसी कड़ी में एक ऐसी रिसर्च सामने आई है, जिससे यकीनन आपको लगेगा कि फोन उठा कर फेंस दिया जाए. दरअसल एक रिसर्च में सामने आया है कि फोन का इस्तेमाल बल्ड प्रेशर से जुड़ा हो सकता है. कहा गया है कि एक व्यक्ति जितना ज़्यादा समय फोन पर बिताता है, हाईपरटेंशन होने का खतरा उतना ही ज़्यादा हो जाता है.
यूरोपियन हार्ट जर्नल-डिजिटल हेल्थ में इस महीने पब्लिश हुए नए शोध से पता चला है कि फोन का इस्तेमाल और हाईपरटेंशन के बीच एक लिंक है.
स्टडी में उन 212,046 लोगों के डेटा का इस्तेमाल किया गया जो यूके बायोबैंक का हिस्सा थे. ये यूरोपीय-केंद्रित स्टडी में आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाला डेटा सेट है.
हाई ब्लड प्रेशर US में लाखों लोगों को प्रभावित करता है और दिल का दौरा, एट्रियल फाइब्रिलेशन और स्ट्रोक जोखिम जैसी कई बीमारियों को दावत देता है. पार्टिसिपेंट से पूछा गया कि वह फोन के इस्तेमाल और कॉल करने या रिसीव करने में फोन पर कितना समय व्यतीत करते हैं.
जोखिम भरा है फोन का ज़्यादा इस्तेमाल
रिसर्चर ने देखा कि जो लोग फोन पर करीब 30-59 मिनट, 1-3 घंटे, 4-6 घंटे या प्रति सप्ताह 6 घंटे से ज़्यादा समय तक बात करते हैं. हर हफ्ते लोग जितना ज़्यादा समय फोन पर बिताएंगे, उन्हें हाई बल्ड प्रेशर होने की संभावना उतनी ही ज़्यादा होगी.
हफ्ते में लगभग 30-59 मिनट फोन पर बात करने वालों में हाई बल्ड प्रेशर का जोखिम 8% बढ़ जाता है. 1-3 घंटे फोन पर बात करने वालों में 13% बढ़ा हुआ जोखिम था, वहीं 4 से 6 घंटे फोन पर रहने वालों में 16% बढ़ा जोखिम था और हर हफ्ते 6 घंटे से अधिक फोन पर बात करने वालों में हाई बल्ड प्रेशर का खतरा 25% बढ़ गया था.
लेखक डॉ. जियानहुई किन ने एक प्रेस विज्ञप्ति में शेयर किया कि शोध दल को उम्मीद है कि अध्ययन से भविष्य में नए निष्कर्ष निकल सकते हैं.
कम इस्तेमाल करने में ही समझदारी
किन ने कहा, ‘हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि जब तक साप्ताहिक कॉल समय आधे घंटे से कम रखा जाता है, तब तक मोबाइल पर बात करने से हाई ब्लड प्रेशर के जोखिम को प्रभावित नहीं किया जा सकता है. रिजल्ट को दोहराने के लिए और ज़्यादा रिसर्च की आवश्यकता है, लेकिन तब तक दिल की सेहत को बनाए रखने के लिए मोबाइल फोन कॉल को कम से कम रखने में ही समझदारी है.’