जबलपुर: कर्नाटक में बजरंग दल के खिलाफ कार्रवाई करने के कांग्रेस के चुनावी वादे की खिलाफत करते हुए दक्षिणपंथी संगठन बजरंग दल के कथित कार्यकर्ताओं ने बृहस्पतिवार को जबलपुर शहर में स्थित कांग्रेस कार्यालय में विरोध प्रदर्शन किया और तोड़फोड़ की। इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमें भगवा चोला पहने और भगवा झंडा लहराते हुए लोगों को कांग्रेस कार्यालय में घुसते हुए देखा जा सकता है। हालांकि, बजरंग दल के एक नेता ने दावा किया कि उन्होंने शहर के बलदेव बाग इलाके में स्थित कांग्रेस कार्यालय के सामने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया और जिन लोगों ने कार्यालय में तोड़फोड़ की वे कांग्रेस के ही लोग थे, और उन्होंने अपना चेहरा ढका हुआ था।
कांग्रेस ने 10 मई को होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को जारी अपने चुनावी घोषणापत्र में कहा था कि वह जाति और धर्म के आधार पर समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाले बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) जैसे संगठनों के खिलाफ ‘‘कड़ी और निर्णायक कार्रवाई’’ करने के लिये प्रतिबद्ध है। इसमें कहा गया है कि कार्रवाई में ऐसे संगठनों के खिलाफ प्रतिबंध भी शामिल होगा। इस घोषणा पत्र का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कड़ा विरोध किया है। कर्नाटक में चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा करने का मुद्दा उठाया और इसे भगवान हनुमान की पूजा करने वालों को ताले में बंद करने की कोशिश करने का कांग्रेस का प्रयास करार दिया।
बजरंग दल की शहर इकाई ने एक दिन पहले कहा था कि वह कांग्रेस कार्यालय पर धरना देगी। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि बिना पुलिस की मौजूदगी के बजरंग दल के कार्यकर्ता कांग्रेस कार्यालय के सामने 30 मिनट तक प्रदर्शन करने के बाद कार्यालय के अंदर घुस गए और तोड़फोड़ की। प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारिणी सदस्य दिनेश यादव ने कहा, ‘‘ भेड़ियों का झुंड कभी-कभी बाघ पर हमला करता है लेकिन इससे बाघ का महत्व कम नहीं होता है।’’ यादव ने कहा कि जब भी चुनाव नजदीक होते हैं तो भाजपा ऐसा करती है और वे हमारे सनातन धर्म को बदनाम कर रहे हैं। बजरंग दल के नेता सुमित सिंह ठाकुर ने कहा कि लोगों के कल्याण, सुरक्षा और संस्कृति को बढ़ावा देने वाले एक हिंदू संगठन की तुलना एक जिहादी संगठन पीएफआई से की गई, जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया।
उन्होंने कहा, अगर कांग्रेस मध्य प्रदेश की राजनीति में हमें घसीटना चाहती है तो हम उसे उसी तरह जवाब देंगे। लेकिन ठाकुर ने इस बात से इनकार किया कि बजरंग दल के कार्यकर्ता तोड़फोड़ में शामिल थे। उन्होंने दावा किया, वे कांग्रेस कार्यकर्ता थे...वे हमारे समूह में घुसे और अपना चेहरा ढंकने के बाद तोड़फोड़ की। स्थानीय कांग्रेस विधायक और नेता बाद में कोतवाली थाने पहुंचे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रियंका शुक्ला ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 452 (व्यक्ति पर हमला करने के इरादे से अतिचार) और धारा 147 (दंगा) तथा अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
उन्होंने पीटीआई से कहा, “30 से 40 लोग थे। हम उनकी पहचान कर रहे हैं। फुटेज के आधार पर उनमें से पांच-छह को नामजद किया गया है। उनमें से एक सुमित सिंह को कांग्रेस की शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया गया है।” यह पूछे जाने पर कि पुलिस घटनास्थल पर क्यों नहीं थी जबकि बजरंग दल ने पहले ही विरोध प्रदर्शन की घोषणा कर दी थी। शुक्ला ने कहा, “वे समय से पहले कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गए। उन्होंने घोषणा की थी कि वे हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे. यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है।