हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का आज यानी की 5 मई को जन्मदिन है। पंजाब के निंदाना गांव में 5 मई 1954 को मनोहर लाल खट्टर का जन्म हुआ था। पंजाब-हरियाणा विभाजन के बाद उनका गांव निंदाना वर्तमान में हरियाणा के रोहतक में पड़ता है। आज वह अपना 69वां जन्मदिन मना रहे हैं।
वर्तमान में हरियाणा के मुख्यमंत्री कभी साइकिल पर घूम-घूम कर सब्जी बेचते थे। राजनीति में अपना करियर बनाने का सपना देखने वाले युवाओं के लिए मनोहर लाल खट्टर का संघर्ष प्रेरणा है। आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर मनोहर लाल खट्टर के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
पहले गैर जाट सीएम
बता दें कि मनोहर लाल खट्टर हरियाणा के पहले गैर जाट मुख्यमंत्री है। साल 1947 में आजादी के बाद उनका परिवार भारत विभाजन के बाद पाकिस्तान से आकर निंदाना गांव में बस गया। शुरूआती दिनों में मनोहर के पिता और दादा को दूसरों के खेतों में मजदूरी करनी पड़ती थी। हालांकि बाद में उनके परिवार ने अपनी जमीन खरीद कर उस पर खेती किसानी करना शुरू कर दिया। मनोहर लाल अपने 5 भाइयों में सबसे बड़े थे। इस लिहाज से छोटी उम्र से उन पर बड़ी जिम्मेदारियां थीं।
पढ़ाई में संजीदा थे मनोहर
मनोहर लाल खट्टर ने अपनी शुरूआती पढ़ाई गांव के आनंदपुर हाईस्कूल से हुई। बताया जाता है कि वह गणित में बहुत अच्छे थे। साथ ही मनोहर अपनी शिक्षा के प्रति काफी संजीदा थे। इस लिहाज से वह कई बार अपने क्लास के मॉनिटर भी रहे।
कभी बेचते थे सब्जी
प्राप्त जानकारी के अनुसार, खट्टर की पढ़ाई के दौरान उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। उनके पिता हरवंश लाल सब्जी उगाने का काम करते थे। वहीं जब मनोहर स्कूल से वापस आते तो खेतों से सब्जी तोड़ते और फिर सुबह साइकिल पर सब्जियों को लादकर उसे रोहतक मंडी तक ले जाते। इसके बाद वह अपने स्कूल जाते थे। 10वीं कक्षा पास करने के बाद उन्होंने अपने परिवार का हाथ बटाने के लिए दुकान चलानी शुरू कर दी।
शादी न करने की शपथ
दिल्ली विवि से मनोहर लाल खट्टर ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। इसी दौरान वह संघ से जुड़ गए। बता दें कि साल 1977 में 24 साल की उम्र में उन्होंने RSS की सदस्यता ले ली। वहीं 27 साल की उम्र में उनको संघ के बड़े प्रचारक के तौर पर जाना जाने लगा। इसी दौरान खट्टर के परिजन उनपर शादी का दबाव बनाने लगे। लेकिन संघ की प्रमुखता के कारण मनोहर लाल ने शादी न करने की शपथ ले ली। इसके बाद वह लगातार 14 सालों तक संघ के लिए काम करते रहे। फिर साल 1994 में वह भाजपा में शामिल हो गए और उनको हरियाणा का महासचिव बनाया गया।
पहली बार में जीते चुनाव
साल 2014 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान जनता हरियाणा में सीएम पद के लिए खट्टर के चेहरे से अनजान थी। क्योंकि मनोहर लाल खट्टर ने भी पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा था। उस दौरान हरियाणा में जाटों के दिग्गज नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा की सरकार थी। लेकिन खट्टर ने हुड्डा को हराकर अपनी सरकार बनाई और वह राज्य के मुख्यमंत्री बनें। इसके बाद साल 2019 में एक बार फिर मनोहर लाल खट्टर ने विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर राज्य के सीएम पद पर बरकरार रहे।