कन्नौज: उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जमकर हुड़दंग मचाया. अपने कार्यकर्ताओं के इस रवैये से पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव उनके सामने असहज और डरी-सहमी नजर आई. आलम यह था कि आयोजक अपने ही कार्यकर्ताओं को धिक्कारते रहे और दुत्कारते रहे, लेकिन कार्यकर्ता सुनने को तैयार नहीं थे. आलम ये था कि एक के ऊपर एक कार्यकर्ता एक दूसरे पर धक्का मुक्की कर चढ़े जा रहे थे. कार्यकर्ताओं का ऐसा बर्ताव देख नुक्कड़ सभा में आई डिंपल यादव बिना नुक्कड़ सभा को सही से संबोधित करे बिना ही वापस लौट गई.
दरअसल सौरिख क्षेत्र में निकाय चुनाव में सपा से नगर पंचायत प्रत्याशी मनीष यादव (डंम्पी) के पक्ष में नुक्कड़ सभा करने डिम्पल यादव पहुंची थी. डिंपल यादव का काफिला छिबरामऊ क्षेत्र से सौरिख पहुंचा. डिंपल यादव जब कार्यक्रम स्थल पर पहुंची तो सैकड़ो कार्यकर्ता उनके पीछे ही कार्यक्रम स्थल में घुस गए. कार्य़कर्ताओं की इतनी भीड़ थी कि बमुश्किल जैसे तैसे वो कार्यक्रम में पहुंची. ऐसे में भारी अव्यवस्था को देखते हुए आयोजक माइक से अपने ही कार्यकर्ताओ को कहते रहे कि ‘इसी आचरण के कारण हम लोगो को अपमान झेलना पड़ता है’, लेकिन भीड़ इस कदर बेकाबू हो रही थी कि कोई कुछ समझने को तैयार ही नहीं था.
कुछ मिनटों में ही वापस लौटी डिंपल यादव
जैसे तैसे डिंपल यादव स्टेज पर पहुंची और उन्होंने संबोधित करना शुरू किया, लेकिन कार्यकर्ताओं का हुड़दंग देख वो कुछ मिनट बाद वहां से चली गईं. मैनपुरी सांसद डिंपल यादव ने संबोधन शुरू करते हुए कहा कि ‘मैं मैनपुरी की सांसद हूं और कन्नौज की सांसद रही हूं, लेकिन मैनपुरी के लोग और कार्यकर्ता मेरी एक बार बोलने पर मेरी बात मानते हैं. मेरा सबसे अनुरोध है कि बैठ जाएं. इस दौरान डिंपल यादव कई बार गुस्से में भी दिखी. सभा स्थल पर स्थिति ये थी कि कार्यकर्ता उनको बोलने तक ही नहीं दे रहे थे और जमकर नारेबाजी कर रहे थे.
सेल्फी लेने की चाह में मर्य़ादा भूले कार्यकर्ता
अपने संबोधन के दौरान डिंपल यादव ने विपक्ष पर भी निशाना साधा और नगर पंचायत प्रत्याशी को जिताने की अपील की. वही कार्यक्रम में उनसे से मिलने आई महिलाएं भी असहज दिखाई दी. डिंपल यादव अचानक कन्नौज दौरे पर आईं थी. सबसे पहले डिंपल यादव तालग्राम गई. जिसके बाद वो छिबरामऊ पहुंची और वहां पर सपा से नगर पालिका प्रत्याशी के पक्ष में कार्यक्रम किया. डिंपल यादव वहां जैसे ही पहुंची कार्यकर्ता उनके साथ सेल्फी लेने के चक्कर में सारी मर्यादा भूल गए.
ऐसे में डिम्पल यादव की सुरक्षा पर भी कई बड़े सवाल खड़े हो गए. उनके सुरक्षाकर्मियों को खासी मशक्कत करनी पड़ी. वही बेकाबू हो चुकी भीड़ से जैसे तैसे करके वो अपनी कार तक पहुंची. जिसके बाद आयोजको ने सांस ली.