Uma Bharti Birthday: उमा भारती मध्य प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री थीं, राम जन्मभूमि आन्दोलन में निभाई थी अहम भूमिका

Uma Bharti Birthday: उमा भारती मध्य प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री थीं, राम जन्मभूमि आन्दोलन में निभाई थी अहम भूमिका

मध्यप्रदेश की पूर्व सीएम और बीजेपी की फायर ब्रांड नेता उमा भारती किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। उमा की गिनती भारतीय राजनीति में एक तेज-तर्रार महिला के तौर पर होती है। बता दें कि आज ही के दिन यानी करी 3 मई को उमा भारती अपना 64वां जन्मदिन मना रही हैं। उमा भारती मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी है। उमा को ग्वालियर की महारानी विजयराजे सिंधिया ने उभारा। साध्वी ऋतम्भरा के साथ उमा भारती ने राम जन्मभूमि आन्दोलन में प्रमुख भूमिका निभाई। इस दौरान उमा ने नारा दिया था श्री रामलला घर आयेंगे मंदिर वहीं बनायेंगे।

जन्म 

उमा भारती का जन्म मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले के डुंडा नामक स्थान पर 3 मई 1959 को हुआ। उमा भारती की शिक्षा सिर्फ कक्षा 6 तक ही हुई थी। उमा भारती बचपन से असामान्य प्रतिभा की धनी थीं। उनके पिता का नाम गुलाब सिंह और माता का नाम बेटीबाई था। हालांकि वह डेढ़ साल की थीं, तो उनके पिता की मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद उनका और उनके भाई-बहनों का पालन पोषण उनकी मां ने किया था। उमा बचपन से ही निडर और बेबाक थीं। 

राजनीतिक जीवन में प्रवेश

जब उमा कक्षा 6 में पढ़ रही थीं तभी एक अखिल भारतीय रामचरित मानस सम्मलेन में उन्होंने धाराप्रवाह प्रवचन दिया। ग्वालियर राजघराने की राजमाता विजयाराजे सिंधिया उमा भारती से काफी प्रभावित हुईं। जिसके बाद उमा राजमाता विजयाराजे सिंधिया के सान्निध्य में रहने लगीं। इसी दौरान उमा भारती भाजपा की सदस्य बन गईं। 25 साल की उम्र में साल 1984 में उन्होंने अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ा। हालांकि इस चुनाव में उन्हें हार का सामना कर पड़ा। 

इसके बाद उमा ने साल 1989 में दोबारा खुजराहो से चुनाव लड़कर यहां से जीत हासिल की। फिर साल 1999 में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से चुनाव जीता। इस दौरान उनको वाजपेयी जी की सरकार में मानव संसाधन विकास, पर्यटन, कोयला खदान, युवा कल्याण और खेल कूद मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया।

राम जन्मभूमि आन्दोलन

उमा भारती ने राम जन्मभूमि आन्दोलन में भी अहम भूमिका निभाई थी। ‘रामलला हम आयेंगे, मंदिर वही बनायेंगे’ नारा उमा भारती द्वारा दिया गया था। जो आज भी काफी प्रचलित है। साल 2003 के विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में भाजपा को लाने का श्रेय उमा भारती को जाता है। हालांकि इस दौरान उनका कार्यकाल सिर्फ 1 साल ही रहा। साल 1994 में हुए हुबली के दंगो में उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया। जिसके कारण उन्हें सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा।

मध्यप्रदेश की सीएम

राजनीतिक नज़रिये से उमा भारती का क़द उस दौरान अधिक बढ़ गया था। जब उमा भारती को वाजपेयी मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री के रूप में मानव संसाधन मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय, युवा एवं खेल मामलों की मंत्री तथा कोयला मंत्री आदि के तौर पर काम करने का अवसर मिला। साल 2003 में भाजपा ने उमा भारती को मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों में अपना अगुआकार बनाया। इस चुनाव में मध्य प्रदेश की 231 सदस्यों की विधानसभा में बीजेपी ने 166 सीटों पर जीत दर्ज की और सदन में तीन चौथाई बहुमत प्राप्त किया। इस तरह से उमा भारती मध्य प्रदेश की 22वीं मुख्यमंत्री बनीं। 

इस्तीफा

बता दें कि उमा भारती अधिक समय तक मुख्यमंत्री के पद पर नहीं रहीं। 9 महीने के कार्यकाल के बाद कर्नाटक में साम्प्रदायिकता फैलाने तथा दंगे भड़काने के आरोप में उमा को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा। जिसके बाद उमा भारती की सलाह पर ही उनके विशेष सहयोगी बाबूलाल गौड़ को राज्य का अगला सीएम बनाया गया। फिर साल 2005 को बाबूलाल गौड़ा को भी पार्टी ने सीएम पद से हटा दिया। भाजपा ने इस बार शिवराज सिंह चौहान के हाथों सत्ता की बागडोर सौंपी।


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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