Jiah Khan Suicide Case: जिया खान खुदकुशी मामले में बीते रोज़ 10 साल बाद फैसला आया. स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने एक्टर सूरज पंचोली को बरी कर दिया. कोर्ट ने कहा कि सबूतों के अभाव में आरोपी को बरी किया जाता है. कोर्ट ने अपने जजमेंट में कहा है कि जिया खान की मां राबिया खान ने विरोधाभासी बयानबाज़ी और तथ्यों को रोक कर अभियोजन पक्ष का केस बर्बाद किया.
कोर्ट ने अपने जजमेंट में कहा है कि शिकायतकर्ता (राबिया खान) अपने सबूतों में सीधे तौर पर जांच करने वाली एजेंसी पर ही इल्ज़ाम लगाए. शिकायतकर्ता ने इल्ज़ाम लगाया कि जांच एजेंसी ने सही से जांच नहीं की. इस तरह के विरोधाभासी सबूत देकर शिकायतकर्ता ने खुद ही अभियोजन पक्ष का केस बर्बाद कर दिया.
कोर्ट ने जिया खान की मां पर उठाए सवाल
कोर्ट ने जजमेंट में कहा है कि शिकायतकर्ता ने अभियोजन पक्ष पर विश्वास नहीं दिखाया. कोर्ट ने ये भी लिखा है कि जब जब अभियोजन पक्ष का केस सुसाइड का था उस वक्त शिकायतकर्ता कहती रहीं कि ये हत्या है. जबकि इस केस में हत्या का आरोप था ही नहीं.
कोर्ट ने अपने फैसले में इस बात का भी जिक्र किया है कि राबिया खान यानी शिकायतकर्ता ने खुद को छोड़कर हर किसी पर शक किया. कोर्ट ने कहा कि जब एक्सपर्ट्स गवाहों ने मौत के कारणों पर अपने ओपिनियन दिए तो शिकायतकर्ता ने कहा कि डॉक्टरों का ओपिनियन गलत है. ये भी कहा गया है पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों पर भी शक किया गया.
10 साल पहले जिया ने की खुदकुशी
आपको बता दें कि तीन जून 2013 को जिया खान ने मुंबई में अपने घर पर फांसी लगाकर जान दे दी थी. जब उनकी मां राबिया कमरे में पहुंची तो बेटी जिया की लाश पंखे से लटकी हुई थीं. जिया ने एक सुसाइड नोट भी लिखा था, जिसमें सूरज पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. इस मामले में सूरज पंचोली को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. हालांकि बाद में उन्हें बेल मिल गई थी. अब 10 साल बाद उन्हें खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोपों से बरी कर दिया गया है