UP: हत्या से लेकर रंगदारी तक, बार-बार माफिया घोषित; कौन है UP का मॉस्ट वांटेड बदमाश

UP: हत्या से लेकर रंगदारी तक, बार-बार माफिया घोषित; कौन है UP का मॉस्ट वांटेड बदमाश

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य विधानसभा के भरे सदन में ओपन चैलेंज दिया था कि वे माफियाओं को मिट्टी में मिला देंगे. यह बात पुरानी नहीं है, अतीक एंड गुंडा कंपनी ने जब उमेश पाल ट्रिपल मर्डर को 24 फरवरी 2023 को प्रयागराज में अंजाम देकर, सूबे की सल्तनत को सीधी चुनौती दे डाली. उसके चंद दिन बाद की ही बात है यह. उसके बाद माफिया डॉन सजायाफ्ता मुजरिम अतीक और उसके बदमाश भाई अशरफ का परिवार जिस तरह से मिट्टी में मिला, उससे किसी की रूह कांपी हो या न कांपी हो. सूबे में गुंडई के बलबूते खा-कमा रहे बदमाशों की हालत मगर जरूर खराब हुई पड़ी है.

राज्य के मुख्यमंत्री की नजरें इस कदर की टेढ़ी देखकर खाकी को भी तो अपनी खाल बचाने की खैर मनानी थी. वो पुलिस जिस पर अक्सर यही आरोप लगते रहते हों कि, इलाके में बदमाश कंपनी को पुलिस ही पालती-पोसती रहती है. सो अब पुलिस ने सूबे में मौजूद 61 मोस्ट वॉन्टेड माफियाओं की ब्लैक-लिस्ट पुलिस ने भी बना डाली. इस ब्लैक लिस्ट में, छंटे हुए गुंडों-गैंगस्टर्स को नामजद किया गया है. किसी के सिर पर गिरफ्तारी के लिए ढाई लाख तो किसी के सिर पर 50 हजार और एक लाख की इनामी राशि का बोझ लदा है.

इस ब्लैक लिस्ट में दर्ज माफियाओं की क्राइम कुंडली से पाठकों को रू-ब-रू कराने के लिए, टीवी9 ने शुरू की है विशेष सीरीज “यूपी के मोस्ट वॉन्टेड माफिया”. अब तक की पिछली 6 किश्तों में आपने पढ़ी, प्रतापगढ़ के शराब माफिया गु्डडू सिंह, बहराइच के देवेंद्र सिंह उर्फ गब्बर सिंह, मेरठ के बदन सिंह बद्दो, योगेंद्र भदौड़ा आदि की क्राइम कुंडली. सीरीज की इस सातवीं किश्त में आज पेश है मुरादाबाद के “वसूली भाई” की जन्म-कुंडली. वसूली भाई मतलब रंगदारी ले लेकर और भी तमाम अपराधों में चार कदम आगे आगे ही चलने वाला अजीत सिंह. वही अजीत सिंह उर्फ वसूली सिंह जिसका, मुरादाबाद, रामपुर जिलों के आसपास और बिलारी में आतंक है.

सिक्योरिटी मनी मांगता था बदमाश

आतंक इस बात का कि वसूली भाई का कॉल पता नहीं, कब किस बिजनेसमैन के पास पहुंच जाए कि, जिंदा रहना चाहते हो और सलामती से कारोबार करना चाहते हो सिक्योरिटी मनी (रंगदारी) का इंतजाम कर लो. जब से ऐसे खौफनाक वसूली भाई का नाम यूपी पुलिस ने 61 मोस्ट वॉन्टेड माफियाओं की सूची में नामजद किया है. तभी से वसूली भाई की बेबसी का आलम देखते बन रहा है.

बेखौफ होकर घटनाओं को देता अंजाम

सुना है कि दिन-रात में कभी भी किसी भी वक्त किसी भी शिकार से मोटी रकम वसूलने के लिए, बेखौफ होकर उसे कॉल कर देने वाला वसूली भाई इन दिनों खुद ही खौफ के साये में जीने को मजबूर है. यह सोचकर कि प्रयागराज के बदमाशों का जो हाल झांसी से लेकर प्रयागराज तक योगी की पुलिस ने किया है. अगर कहीं वसूली भाई को वैसी हवा भी लग गई तो पता नहीं वसूली भाई उस झटके को झेल भी पाएगा या नहीं.

ऐसा नहीं है कि वसूली भाई का नाम मोस्ट वॉन्टेड माफियाओं की लिस्ट में पहली बार आया, इसलिए इस कुख्यात बदमाश की सांस फूली हुई है. मुरादाबाद के एसएसपी जब बबलू कुमार हुआ करते थे, तब भी उन्होंने इस माफिया घोषित कर दिया था. साल 2012 में अजीत सिंह उर्फ वसूली भाई को आर्म्स एक्ट में जेल भी भेजा गया था. बिलारी थाने के गांव हाथीपुर बहादुद्दीन गांव का मूल निवासी यह बदमाश वैसे तो, खाने-कमाने की गरज से कोई भी काला-कारोबार अपनाने में नहीं शर्माता है. फिर भी फोनकॉल करके किसी भी मोटी खाती पीती आसामी से चंद घंटो में ही भारी भरकम रकम ऐंठ लेना इसे सबसे सरल और अच्छा व सेफ लगता है.

यह बेबाक कहानी उसी वसूली भाई के शुरु हुए दुर्दिनों की है जिसके, खौफ के चलते मुरादाबाद रामपुर दो जिलों में अच्छे अच्छों को पसीना आता था. वक्त बदला तो अब सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उनकी पुलिस के बदले रुख से अब ‘वसूली भाई’ को ही अपनी जान बचाने के लाले पड़ गए हैं. भले ही वसूली भाई क्यों न किसी जमाने में हजरतनगर थाना पुलिस द्वारा कत्ल और कत्ल की कोशिश में गिरफ्तार करके भी जेल भेजे जा चुके हों. साल 2016 में बिलारी थाना पुलिस इस बदमाश को काबू में रखने के लिए उसके खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्रवाई भी कर चुकी है. 24 अप्रैल 2017 को मुरादाबाद शहर के एक कारोबारी से रंगदारी वसूलने की नाकाम कोशिश में, वसूली भाई थाना सिविल लाइंस पुलिस के जरिए जेल भी भेजे जा चुके हैं.

उस मामले में जेल से बाहर आते ही अतीत सिंह उर्फ वसूली भाई ने एक शख्स को कत्ल कर डाला. मुरादाबाद पुलिस और मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ऐसे वसूली भाई के खिलाफ अलग अलग थानों में करीब 14-15 मुकदमे दर्ज हैं. कानून और पुलिस की नजर में बदमाश गुंडा गैंगस्टर, उसके अपनो की नजर में अक्कू भैय्या ही है. जबकि इससे पीड़ित लोग इसे वसूली भाई के नाम से बदनाम किए हुए हैं. अजीत सिंह इसका नाम थाने चौकी के रिकॉर्ड से ही पुलिस वालों को पता चलता है. वरना इसे हर कोई इलाके में वसूली भाई के नाम से ही जानता-पहचानता है. वसूली भाई किसी के मुंह से सुनने पर इसे गर्व होता है न कि शर्म आती है.

मीडिया रिपोर्ट्स और स्थानीय पुलिस की माने तो वसूली भाई इन दिनों जेल में बंद है. जिस मामले में वो जेल में कैद करके रखा गया है वो, बीते साल सितंबर महीने में थाना भोजपुर के काफियाबाजद इलाके में हुई राशन डीलर के पति की हत्या का है. पुलिस की माने तो वसूली भाई से खूंखार बदमाश ने राशन डीलर के पति, जिस पति सुरेंद्र सिंह को कत्ल किया था वो पेशे से सिक्योरिटी गार्ड था.


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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