यूपी में बीजेपी के बागी नेताओं की लिस्ट तैयार की जा रही है. बगावत करने वाले सभी नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का फैसला हुआ है. तय हुआ है कि एक्शन ऐसा हो कि आगे के लिए बाकी नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए ये सबक बन जाए. इससे अगले लोकसभा चुनाव के लिए होम वर्क बेहतर तरीके से हो पाएगा. बीजेपी के नेता पार्टी के फैसले के खिलाफ जाने से पहले कई बार सोचेंगे. बागी नेताओं की पहचान करने के बाद सारे मामले अनुशासन कमेटी को भेजा जाएगा. उसके बाद इन पर एक्शन होगा.
यूपी में इस बार निकाय चुनाव दो चरणों में हो रहे हैं. जिसके लिए मतदान 4 और 11 मई को होगा. दूसरे फेज़ के चुनाव के लिए नामांकन वापसी की आखिरी तारीख 27 अप्रैल थी. इस बार भी मेयर से लेकर नगर पालिका परिषद और पार्षद के चुनाव के लिए सैकड़ों नेता बागी बन गए. नामांकन का पर्चा भर दिया. पार्टी के संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह और प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी ने सांसदों और विधायकों की बैठक बुलाई.
चुनाव से पहले बागियों को मनाया
मीटिंग में आए नेताओं से कहा गया कि आप सब जाकर अपने-अपने संबंधों के हिसाब से बागी नेताओं को चुनाव न लड़ने के लिए समझाएं. फिर संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह ने पश्चिमी यूपी का दौरा किया और खुद बागी नेताओं से जाकर मिले. किसी को समझाया तो कुछ को फटकारा. अधिकतर नेता आख़िरकार मान गए. कुछ को धर्मपाल ने आगे एडजस्ट करने का भरोसा देते हुए समझा लिया. इस पर कई नेताओं ने नामांकन वापस ले लिया.
पार्टी के खिलाफ काम करने वालों पर एक्शन
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी यही काम राज्य के बाकी इलाकों में कर रहे है. उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने की इच्छा तो स्वाभाविक है. सबको तो टिकट नहीं मिल सकता है. परिवार के लोग ही हैं तो हम बागी नेताओं को समझा बुझा रहे हैं. जो समझ लिए तो ठीक नहीं तो पार्टी के खिलाफ काम करने वालों पर तो एक्शन ज़रूर होगा. अब ऐसे नेताओं की पहचान कर लिस्ट बनाने का काम शुरू हो गया है. जो नेता जिस स्तर का है, उसी के हिसाब से अनुशासन वाली कमेटी उन पर फ़ैसला करेगी.
पार्टी में अनुशासन के लिए कार्रवाई जरुरी
बीजेपी के प्रदेश नेतृत्व ने तय कर लिया है कि लोकसभा चुनाव 2024 के लिए ये एक मैसेज भी हो सकता है. जिससे पार्टी में अनुशासन बना रहेगा. पार्टी उन्हीं नेताओं और कार्यकर्ताओं पर दांव लगाना चाहती है जो पूरी तरह से बीजेपी के लिए समर्पित हों.