अमेठी: उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही देखने को मिली. जिले के अस्पताल में मानवता को शर्मसार करने वाला वीडियो सामने आया है. पैर टूटे हुए एक मरीज को एंबुलेंस न मिलने से उसके परिजन मरीज को ठेले पर लिटाकर 3 किलोमीटर तक पैदल चलकर अस्पताल तक लेकर आए. जहां पर अस्पताल के चिकित्सक के द्वारा मरीजों का मामूली इलाज कर सुल्तानपुर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया.
जहां एक तरफ लगातार स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य विभाग मरीजों के लिए एंबुलेंस मिलने का दावा करती है. वहीं, उनके दावों की पोल अमेठी के स्वास्थ्य केंद्र का यह वीडियो खोल रहा है. परिजनों का कहना है कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जरा इन समस्याओं पर भी ध्यान दें.
ये है मामला
पूरा मामला जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमेठी का है. जहां पर गाजीपुर जिले के रहने वाले गुड्डू वनवासी जो अमेठी में अपने ससुराल महुआरिया में रहते हैं. गुड्डू की साली का शौच जाने से पैर टूट गया था. पैर टूटने से मरीज को तेज दर्द हुआ. इसके बाद परिजन ने 108 एम्बुलेंस को फोन किया. मौके पर एंबुलेंस भी नहीं पहुंची. इसके बाद परिजन अपने मरीज को ठेले पर लेकर 4 किलोमीटर दूर अस्पताल लेकर आए. जहां अस्पताल में डॉक्टर द्वारा इलाज कर मरीज को सुल्तानपुर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया.
इस तरह से आ चुके हैं कई मामले
अमेठी में ठेले और ई रिक्शा से मरीज को लाकर इलाज कराने का कोई पहला मामला नहीं है. अमेठी में इस तरह की लापरवाही के मामले सामने आते रहते हैं. अभी कुछ दिन पहले ही अमेठी में ई रिक्शा से इलाज के लिये ले जाने का वीडियो समाने आया था. इस दौरान भी अधिकारी अपने विभाग की नाकामी को छिपाने में लगे हुए थे. आज भी अपना हाथ बचाने में जुटे हैं. जनता के लिये स्वाथ्य विभाग द्वारा हर सुविधाएं सिर्फ और सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह जाती हैं.
कतरा रहे अधिकारी
जब इस पूरे मामले में जिला चिकित्सा अधिकारी विमलेंद्र शेखर से फोन पर कई बार बात करने की कोशिश की लेकिन ना तो फोन उठाना मुनासिब समझा और न ही दोबारा से कॉल कर जानकारी देना चाहा. सवाल ये है कि कमियां छुपाने से ऐसे मामले बंद नहीं हो सकते हैं.